EPFO से जुडी फेक न्यूज़ हो रही वायरल, जानिए इसकी सच्चाई
कुछ दिनों से इंटरनेट में फेक न्यूज़ फैलाई जा रही है जिसमें कहा गया है कि ईपीएफओ अभी सबसे कम रिटर्न दे रहा है।
कुछ दिनों से मीडिया में ऐसी रिपोर्टें देखी जा रही है जिसमें कहा गया है कि ईपीएफओ अभी सबसे कम रिटर्न दे रहा है। इसके बारे में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने एक ट्वीट कर बताया कि ईपीएफओ द्वारा सबसे कम रिटर्न का दावा करने वाली रिपोर्ट फैक है। और कहा कि ऐसी भ्रामक खबरों से सावधान और सतर्क रहें। ईपीएफओ ने भी ट्वीट किया और कहा कि डाकघर की बचत दर से दोगुने से अभी अधिक रेट ईपीएफओ की जमा राशि पर दिया जा रहा है।
ईपीएफ रेट की तुलना पीपीएफ और एफडी से करते हैं तो
ईपीएफ रेट की तुलना पीपीएफ और एफडी से करते हैं तो देखते हैं। कि ईपीएफ सबसे अधिक ब्याज देता है। नए वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए पीपीएफ की ब्याज दर 7.1 फ़ीसदी पर बनी हुई है। लगातार बढ़ती महंगाई के कारण सरकार ने गुरुवार को 2022-23 की पहली तिमाही के लिए पीपीएफ और एनएससी सहित छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के बाद से ब्याज दर में बदलाव नहीं किया गया है। छोटी बचत योजनाओं के लिए तिमाही आधार पर ब्याज दरें जारी की जाती है।
कर्मचारी भविष्य संगठन द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफ या भविष्य निधि की ब्याज दर चार दशक के निचले स्तर 8.1% से घटाकर 8.5% कर दी गई है। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2020-21 में अपने ग्राहकों को पिछले वर्ष की तरह ही 8.5% ब्याज दर का भुगतान किया। वित्त वर्ष 2018-19 में ईपीएफ दर 8.65% और वित्त वर्ष 2017-18 में 8.55% थी। वित्त वर्ष 2016-2017 में ईपीएफ की ब्याज दर 8.65 फीसदी थी। इन सबके बावजूद छोटी बचत योजनाओं से तुलना करें तो अभी सबसे अधिक ब्याज ईपीएफओ दे रहा है।
ईपीएफओ की तरफ से किया गया ट्वीट
ईपीएफओ ने ट्विटर पर लिखा कि मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि ईपीएफओ में मिल रहा रिटर्न अभी सबसे कम है। यह सच नहीं है। यह भ्रामक और फ़ेंक न्यूज़ है। सच तो यह है कि ईपीएफओ सबसे अधिक 8.1 परसेंट की ब्याज दर दे रहा है। डाकघर की बचत दर दोगुनी से भी अधिक ईपीएफओ अपने ग्राहकों को ब्याज दे रहा है। 2012-14 के मुकाबले ब्याज महंगाई दर से अधिक है।