Chandrayaan 3 Launch Live Updates: चंद्रयान-3 का सफल लॉन्च, 40 दिन बाद चांद पर लैंड करेगा ISRO का Moon Rover
Chandrayaan 3 Launch Live Updates: चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के 4 साल बाद ISRO Chandrayaan-3 को लॉन्च कर रहा है.
चंद्रयान 3 लॉन्च लाइव अपडेट: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) दुनिया के सामने नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है. ISRO Moon Mission के लिए आज दोपहर 2:35 बजे आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर (Satish Dhawan Space Center Sriharikota Andhra Pradesh) से चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) को लॉन्च कर दिया गया. जो 40 दिन बाद चन्द्रमा की सतह पर उतरेगा और भारत को यहां तक पहुंचने वाला दुनिया का चौथा देश बना देगा।
चंद्रयान-3 चांद में लैंड होकर क्या करेगा?
14 जुलाई को भारत से लॉन्च किया गया चंद्रयान 3 40 दिन बाद यानी 23-24 अगस्त को चन्द्रमा पर उतरेगा। जहां ISRO का Moon Rover चांद के साउथ पोल पर जाएगा। ऐसा करने वाला भारत पहला देश बन जाएगा। ISRO का Moon Lander और ISRO Moon Rover अगले 14 दिनों तक चंद्रमा की स्टडी करेंगे और उस डेटा को ISRO तक पहुचाएंगे। इस मिशन का मकसद यह पता लगाना है कि लूनर सरफेस कितनी सिस्मिक है, साथ ही चन्द्रमा की सॉइल और डस्ट पर रिसर्च की जाएगी।
चंद्रयान 3 की लागत
Chandrayaan 3 Cost: ISRO का चंद्रयान 3 बेहद किफायती है. इसे सिर्फ 615 करोड़ रुपए में बनाया गया है. जो ADIPURUSH फिल्म के बजट से भी कम है. इससे पहले भेजे गए चंद्रयान-2 का बजट 603 करोड़ रुपए था. जिसकी लॉन्चिंग पर 375 करोड़ रुपए खर्च हुए थे.
ISRO का चंद्रयान 3 मिशन निर्धारित समय 2:35 बजे लॉन्च कर दिया, कुछ दी देर में चंद्रयान पृथ्वी के कक्षा से बाहर निकल जाएगा और चक्कर लगाना शुरू कर देगा
चंद्रयान-2 की तरह ही चंद्रयान-3 का मकसद भी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करना है. दक्षिणी ध्रुव, वो जगह जहां आजतक कोई नहीं पहुंच सका. अगर चंद्रयान-3 का 'विक्रम' लैंडर वहां सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कर लेता है, तो ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा. इतना ही नहीं, चांद की सतह पर लैंडर उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा.
बता दें चांद की सतह पर अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही पहुंच चुके हैं. सितंबर 2019 में इसरो ने चंद्रयान-2 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने की कोशिश की थी, लेकिन तब लैंडर की हार्ड लैंडिंग हो गई थी. पिछली गलतियों से सबक लेते हुए चंद्रयान-3 में कई बदलाव भी किए गए हैं. चंद्रयान-3 को आज लॉन्च किया जाएगा, लेकिन इसे चांद तक पहुंचने में डेढ़ महीने का समय लगेगा. अनुमान है कि 23 या 24 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की सतह पर लैंड कर सकता है.
चंद्रयान-3 का काउंटडाउन जारी है. महज आधे घंटे बाद चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग होगी. लॉन्चिंग को देखने के लिए इसरो की साइट पर 237 स्कूली बच्चे पहुंचे हैं. मीडिया कवरेज के लिए 200 जर्नलिस्ट्स भी पहुंचे हैं.
राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, "आज का यह दिन, भारतीय इतिहास में एक विशेष महत्व का है। मिशन चंद्रयान-3 की लांचिंग, नये भारत की आकांक्षाओं को नया आकाश देने जा रही है। इस मिशन में हमारे देश के वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत, लगन, समर्पण और प्रतिबद्धता जुड़ी हुई है।यह मिशन सफल हो, इसके लिए @ISRO की पूरी टीम को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ।"
चंद्रयान-3 के लॉन्च का लाइव टेलीकास्ट ISRO की ऑफिशियल वेबसाइट के अलावा यूट्यूब और ट्विटर-फेसबुक पर भी किया जाएगा। यहां हम चंद्रयान-3 के लॉन्च का लाइव वीडियो देख सकते हैं।
चंद्रयान-3 मिशन पर ट्वीट करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा कि यह मिशन हमारे देश की उम्मीदों और सपनों को साथ लेकर जा रहा है। पीएम ने कहा कि चंद्रयान-3 करीब तीन लाख किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा पूरी करते हुए चांद तक पहुंचेगा। ISRO के वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह मिशन सभी को गर्व से भर देगा।
3 साल 11 महीने और 23 दिन बाद एक बार फिर से यह मिशन लॉन्च किया जा रहा है। विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर भेजा जाएगा। लेकिन आखिर इस मिशन से वैज्ञानिक क्या चाहते हैं? अगर इस मिशन के लक्ष्य की बात करें तो चंद्रयान-3 अंतरिक्ष में कई वैज्ञानिक पेलोड अपने साथ ले जाएगा। इससे पृथ्वी पर वैज्ञानिकों को चंद्रमा के बारे में बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। लेकिन मिशन के मुख्य तीन लक्ष्य हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मुताबिक वैज्ञानिक मुख्य तीन लक्ष्य चंद्रयान-3 से पूरा करना चाहते हैं। सबसे पहले वैज्ञानिक चांद की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग करना चाहते हैं। चंद्रयान-2 मिशन भी सॉफ्ट लैंडिंग करने के लिए ही था। इसके बाद ISRO वैज्ञानिक चांद की सतह पर रोवर को चलाना चाहते हैं। सबसे अंत में वैज्ञानिक चांद पर कई प्रयोग करना चाहते हैं, जिसके लिए कई यंत्र भेजे जाएंगे। स्पेसक्राफ्ट के साथ एक खास यंत्र जाएगा जो चांद से पृथ्वी को देखेगा और इसके जीवन वाली विशेषताओं का अध्ययन करेगा।
अबतक चन्द्रमा में अपना मून रोवर भेजने वाले दुनिया के सिर्फ तीन देश हैं. अमेरिका, रूस और चाइना। अगर भारत ने अपना रोवर चन्द्रमा तक पहुंचा दिया तो यह मुकाम हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन जाएगा