Chandigarh Electricity Crisis: चंडीगढ़ में ब्लैकआउट, गुरुवार तक नहीं बहाल होगी लाइट, ऐसा क्या हुआ
Chandigarh Electricity Crisis: पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में अगले 3 दिन तक बिजली का संकट रहेगा
Chandigarh Electricity Crisis: पंजाब और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ के लोग इलेक्ट्रिसिटी क्राइसिस से जूझ रहे हैं, एक राजधानी में बिजली की ऐसी समस्या लोगों के गले से नीचे नहीं उतर रही है. लोग भयंकर गुस्साए हुए हैं, लोगों के इन्वेर्टर, मोबाइल, लेपटॉप सब डिस्चार्ज हो गए हैं. सरकारी दफ्तरों से लेकर निजी कंपनियों और घर, बाज़ारों में बिना बत्ती के गुजरा हो रहा है।
- हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है
- ऑपरेशन टाल दिए गए हैं
- लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम बंद हो गए हैं
- घरों, दफ्तरों, बाज़ारों में भी बिजली नहीं है
- प्रशासन को हालातों में काबू पाने के लिए सेना बुलानी पड़ी है
सेना को क्यों बुलाना पड़ा
प्रशासन को इस हालातो पर नियंत्रण रखने के लिए सेना को बुलाना पड़ा है, लोग इतने नाराज हैं कि सड़क में इसका प्रदर्शन करने लगे हैं, आज के जमाने में जहां 5 मिनट के लिए भी बत्ती गुल हो जाए तो दिमाग ख़राब हो जाता है वहीं राजधानी चंडीगढ़ में रहने वाले लोग बीते 2 दिन से ऐसी सिचुएशन हेंडल कर रहे हैं.
ऐसे कैसे बिजली चली गई, चंडीगढ़ में हुआ क्या
बिजली विभाग के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी हड़ताल में हैं, और वह लाइन में आने वाले फाल्ट को सुधार ही नहीं रहे हैं. बिजली विभाग के कर्मचारियों को प्रशासन मानाने में जुटा हुआ है, लेकिन वो हड़ताल ख़त्म करने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. ऐसा चलता रहा तो पूरे चंडीगढ़ में गुरुवार तक इलेक्ट्रिसिटी की बहाली नहीं हो पाएगी। लोग बहुत परेशान हो गए हैं।
बिजली के चीफ इंजीनियर को कोर्ट ने बुलाया
इस समस्या पर पंजाब और हरियाणा के कोर्ट ने चंडीगढ़ में बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर को बुलाया, और मामला समझा। वहीं चंडीगढ़ के प्रशासक गवर्नर बीएल पुरोहित ने यूनियन नेताओं की बैठक बुलाई, जिसमे हड़ताल ख़त्म किए जाने को लेकर चर्चा हुई, ऐसी उम्मीद है कि इस बैठक के बाद बिजली कर्मचारी हड़ताल ख़त्म कर सकते हैं.
बिजली न होने से कई परेशानी
लोगों के मोबाइल, लैपटॉप, इन्वर्टर डिस्चार्ज हो गए हैं, रात को घरों सहित सड़कों में अँधेरा पसरा रहता है, पढाई, स्कूल, कॉलेज सब प्रभावित है, सबसे बड़ी समस्या हॉस्पिटल में हो रही है जहां लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है, सिर्फ कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बीमार लोगों का ऑपरेशन नहीं हो रहा है। घरों में पानी नहीं पहुंच रहा, लोग नदियों, बांधों और हैंडपंप से पानी भर रहे हैं.
ये सब क्यों हो रहा है
बिजली विभाग के कर्मचारी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं, उन्होंने हड़ताल कर दी है, केंद्र शासित प्रेदश के सलाहकार धर्मपाल ने बिजली संध के साथ बैठक की है और हड़ताल खत्म करने के लिए कर्मचारियों को मनाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी. कर्मचारियों को यह डर है कि निजीकरण से उनकी सेवा-शर्तों में बदलाव होगा और बिजली की दरों में बढ़त हो जाएगी।