दो दिन से थाने में भैंस, पुलिस परेशान कैसे हो मामले का निबटारा फिर भगवान ने दिया साथ
Rajsthan Bandikui News: बांदीकुई में भैंस चोरी के मामले में पुलिस के लोगों को अंत में भगवान याद आये और फिर भगवान की सहायता से इस मामले को निबटाया गया।
Rajsthan Bandikui News: राजस्थान की राजधानी जयपुर (jaipur) के पास दौसा जिले (Dausa District) में भैंस का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया। बांदीकुई थाने में पहुंचा यह मामला निपटाने में पुलिस अधिकारियों के हाथ पैर फूलने लगे। पुलिस के लोगों को अंत में भगवान याद आये और फिर भगवान की सहायता से इस मामले को निबटाया गया। यह मामला भैंस से जुड़ा हुआ है। जिसमें एक भैंस पर दो लोग दावा कर रहे थे कि वह उनकी है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार राजस्थान के दौसा जिला (Rajsthan Dousa District) के बडियाल कलां निवासी विनोद मीणा की भैंस तीन दिन पहले चोरी हो गई थी। वह भैंस ढूंढ ही रहा था कि रविवार शाम पंचमुखी रोड पर एक लोडिंग टैम्पों में दो भैंस को ले जाते देखा। जिसमें उसकी भैंस भी थी। उसने लोगों की सहायता से टैम्पो रुकवाया और कहा कि यह भैंस उसकी है। लेकिन टैम्पो वाले ने कहा कि वह इसे खरीदकर लाया है। विवाद बढ़ा और पुलिस आ गई। भैंस को थाने ले जाया गया।
बुलाया गया भैंस विक्रेता
इस पूरे मामले को सुनने के बाद भैंस विक्रेता रामजीलाल को बुलाया। इसी ने टेंपो वाले को 28000 रूपये में भैंस बेची थी। पुलिस ने जब पूछताछ की तो रामजीलाल और विनोद मीणा दोनों ही उक्त भैंस को अपनी बता रहे थे। काफी समझाया गया इसके बाद भी भैंस के दावा हटाने के लिए कोई तैयार नहीं था।
भगवान ने दिया साथ
भैंस का मामला उलझता ही गया। भैंस थाने में रही। पुलिस को लगा कि अब इस मामले को निपटाने के लिए ऊपर वाले का ही सहारा लेना पड़ेगा। पहले तो पुलिस ने कहा कि भैंस की डीएनए जांच की जाएगी। इससे पता चल जाएगा कि भैंस किसकी है।
साथ ही पुलिस ने दोनों से कहा की जब तक जांच रिपोर्ट आ रही है दोनों पक्ष एक चमत्कारी मंदिर में चलें और वहां भगवान के ऊपर हाथ रख कर कहना होगा कि यह भैंस हमारी है। साथ ही पुलिस ने बताया कि वह बहुत चमत्कारी मंदिर है झूठ बोलने पर ईश्वर माफ नहीं करेगा।
बस पुलिस का यह तिकड़म काम कर गया। दोनों चमत्कारी मंदिर का नाम सुनते ही भयभीत हो उठे और सब सच-सच बोलने लगे।
विनोद मीणा जो अपनी गुमी भैंस खोज रहा था उसके परिवार के लोग अब कहने लगे कि शायद यह भैंस उनकी नहीं है। इससे स्पष्ट हो गया कि टेंपो वाला भैंस रामजीलाल सैनी से खरीद कर ले जा रहा था। 2 दिनों बाद भैंस वापस टेंपो वाले मदन बणजारा को दी गई।