शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को दी गई भू-समाधी, काशी से आए संतो ने किया मंत्रोच्चारण
Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati Samadhi: ज्योतिषपीठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी को वैदिक मंत्रोच्चार से भू समाधि दी गई।
Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati Samadhi: शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को उनके आश्रम परमहंसी गंगा आश्रम में भू-समाधी दी गई. काशी से आए संतों ने इस दौरान मंत्रोच्चारण कर उन्हें समाधी स्थल तक पहुंचाया। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के अंतिम दर्शन के लिए उनके हज़ारों भक्त परमहंसी गंगा आश्रम पहुंचे।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी की अंतिम यात्रा साधु-संतों ने वैदिक रीति-रिवाज और धार्मिक कर्मकांड से समाधि संपन्न कराई। समाधी तक पहुचंने से पहले भजन कीर्तन के साथ उन्हें पालकी में बैठाकर समाधि स्थल तक लाया गया. जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की अंतिम यात्रा में पहुचें उनके अनुयाइयों, शिष्यों और भक्तों ने नम आँखों से उन्हें विदा किया।
बता दें कि हिन्दुओं के सबसे बड़े धर्मगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी का निधन उन्ही नरसिंहपुर में मौजद परमहंसी आश्रम में रविवार दोपहर 3:30 बजे हुआ. उनकी मृत्यु की खबर सुनते ही श्रद्धालुओं पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा.
एमपी सीएम ने किए अंतिम दर्शन
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के अंतिम दर्शन के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान परमहंसी आश्रम पहुचें, इस दौरान पूर्व सीएम कमलनाथ ने और जयवर्धन सिंह के साथ सुरेश पचौरी भी समाधी स्थल में पहुंचे। बता दें कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के दर्शन के लिए सीएम ने झोतेश्वर दौरे को भी कुछ देर के लिए टाल दिया था. उन्हें भोपाल से 11.5 बजे रवाना होना था लेकिन अंतिम दर्शन करने के बाद वह 11.45 बजे झोतेश्वर के लिए रावना हुए.
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन के बाद ज्योतिषपीठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के प्रमुखों के नाम का एलान किया गया. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ और स्वामी सदानंद को द्वारका शारदा पीठ का प्रमुख घोषित किया गया है इस जानकारी को डिटेल में जानने के लिए यहां कक्लिक करें