आठ साल से आशुतोष महाराज का शव फ्रीजर में रखा है, भक्तों को भरोसा है बाबा गहन समाधी में है

Ashutosh Maharaj's in deep samadhi; भक्तों को लगता है पंजाब के रहस्य्मयी बाबा आशुतोष महाराज एक दिन समाधी से जाग जाएंगे

Update: 2022-07-27 14:30 GMT

Ashutosh Maharaj's Samadhi Picture: पंजाब के एक रहस्य्मयी बाबा 'आशुतोष महाराज का शरीर 8 साल से डीप फ्रीजर में रखा हुआ है. उन्हें फॉलो करने वाले भक्तों को विश्वास है कि बाबा गहन समाधी में गए हुए हैं और एक दिन वह समाधी से उठेंगे। बाबा का शरीर सुरक्षित है लेकिन 8 सालों से फ्रिज में रखा हुआ है. 

आशुतोष महाराज की समाधी की तस्वीर 

पंजाब के जालंधर में करीब 50 साल पहले एक रहस्य्मयी साधू-बाबा का आना होता है, उन्हें लोग आशुतोष महाराज के नाम से पुकारते थे लेकिन बाबा का असली नाम महेश कुमार झा था. धीरे-धीरे बाबा आशुतोष महाराज के फॉलोवर्स बढ़ते गए. 1983 में बाबा ने जालंधर के पास नूरमहल में दिव्य जाग्रत ज्योति संसथान की स्थापना भी की थी. आज भी दिन रात यहां उनके प्रवचन सुनने के लिए भक्तों का तांता लगता है. 

2014 से डीप फ्रिज में है आशुतोष महाराज का शरीर 

बाबा आशुतोष महाराज के शरीर ने अचानक से 28 जनवरी 2014 के दिन हलचल करना बंद कर दिया। लोगों में यह बात फ़ैल गई कि महाराज की आत्मा ने देह त्याग दिया है लेकिन एक दिन बाद उनके शिष्य ने भक्तों को बताया कि महाराज गहन समाधी में चले गए हैं और उनकी मृत्यु नहीं हुई है. लेकिन 31 जनवरी के दिन डॉक्टर्स की टीम ने बाबा को क्लिनिकल डेड घोषित कर दिया था. फिर भी लोगों में यह विश्वास था कि बाबा मर नहीं सकते वो जरूर समाधी में गए हैं और एक दिन वापस लौटेंगे। 


इसके बाद एक पक्ष उनका अंतिम संसकर करने की बात करने लगा तो दूसरे पक्ष ने कहा बाबा जिन्दा है और समाधी में हैं. ऐसे में जीते जी उनका अंतिम संस्कार कैसे कर दें? मामला हाईकोर्ट चला गया. जहां कोर्ट ने आशुतोष बाबा के शरीर को तीन साल के लिए डीप फ्रिज में रखने की अनुमति देदी। लेकिन 8 साल से ज़्यादा वक़्त बीत गया और बाबा अभी तक समाधी में लीन हैं. 

24 घंटे पहरे में हैं बाबा का शरीर 

नूरमहल में संसथान के मुख्यालय में बाबा का शरीर फ्रिज में रखा हुआ है. जहां किसी अन्य को जाने की इजाजत नहीं मिलती, यहां दिव्य ज्योति जाग्रत के सेवादार 24 घंटे बाबा के शरीर की सुरक्षा में लगे रहते हैं. वहीं इस संसथान में पंजाब पुलिस की भी घेराबंदी होती है. संसथान के अंदर जाने वाले हर एक व्यक्ति की तलाशी ली जाती है. 




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