अग्निपथ हिंसा से देश को कितना नुकसान हुआ और कितने लोग प्रभावित हुए यह आपको जानना चाहिए
अग्निपथ को लेकर हुई हिंसा में भारतीय रेलवे को कितना नुकसान हुआ? यह जानकर आपको दुःख होगा
अग्निपथ हिंसा से देश को कितना नुकसान हुआ: भारत सरकार और भारतीय सेना की महत्वकांक्षी 'अग्निपथ योजना' को लेकर देश के विभिन्न राज्यों में इस कदर विरोध और हिंसा हुई के किसी को ऐसा होने का अंजादा नहीं था. सेना में 4 साल के लिए देश की सेवा का अवसर देने वाली Agneepath Yojana के खिलाफ उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया। बीते एक सप्ताह से जारी हिंसात्मक प्रदर्शन से भारत देश और भारतीय रेलवे सहित आम लोग कितना प्रभावित हुए हैं यह जानना अति आवश्यक है.
12 लाख रेलवे पैसेंजर्स प्रभावित हुए
अग्निपथ योजना के खिलाफ बावलियों ने रेलवे को अपना निशाना बनाया, भारत के 12 लाख से अधिक रेलवे यात्री इस हिंसा से प्रभावित हुए, तकरीबन 1.5 यात्रियों को जिनमे बच्चे-बूढ़े-महिलाऐं भी शामिल हैं उन्हें बीच रास्ते में किसी अनजान स्टेशन में ट्रेन छोड़नी पड़ी. 5 लाख से अधिक यात्रियों का PNR ही कैंसिल हो गया, जिन लोगों ने रिज़र्वेशन किया था वो सफर नहीं कर पाए. रेलवेस को 100 करोड़ रुपए का रिफंड करना पड़ा. ट्रेन में बैठे लोगों को हिंसा का सामना करना पड़ा, बिहार में तो एक यात्री ट्रेन के अंदर बैठे हुए ही जलकर मर गया ठीक ऐसा ही वाकिया हैदराबाद में हुआ. कुलमिलाकर बीते 4 दिनों में 12 लाख रेल यात्रियों को अपनी जर्नी रद्द करनी पड़ी.
अग्निपथ हिंसा से भारतीय रेलवे को कितना नुकसान हुआ
पिछले चार दिनों में रेलवे की 922 मेल एक्सप्रेस रद्द हुईं, 120 ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द करना पड़ा, सिर्फ ट्रेनों के कैंसिल होने पर रेलवे को 100 करोड़ रुपए वापस लौटने पड़े. क्योंकि 827 पैसेंजर ट्रेनों को भी हिंसा के चलते रद्द करना पड़ा.
21 ट्रेनों को जला दिया गया
रेलवे को अग्निपथ हिंसा से कितना नुकसान हुआ है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उपद्रवियों ने 21 ट्रेनों को आग के हवाले कर दीया है। एक मेल एक्सप्रेस का इंजन 12 करोड़ रुपए का होता है, AC कोच की लागत 2.5 करोड़ और स्लीपर/जनरल कोच की लागत 2 करोड़ होती है. एक एक्सप्रेस मेल में टोटल 24 कोच होते हैं. मतलब एक ट्रेन की कीमत 30 करोड़ रुपए से ज़्यादा होती है. आप गणित बैठा लीजिये कि सिर्फ ट्रेनों को जलाने से भारतीय रेलवे को कितना नुकसान हुआ है
भारतीय रेलवे ने अपने नुकसान का अंदाजा लगाया है, रेलवेस का कहना है कि अग्निपथ योजना के खिलाफ भड़की हिंसा में बीते 4 दिनों में 1 हज़ार करोड़ की संपत्ति नष्ट कर दी गई है. सिर्फ पूर्व मध्य रेलवे की 241 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है
19 राज्यों में जारी है विरोध
भारतीय सेना ने साफ़ कह दिया है कि प्रदर्शन करने वाले और देश की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले कभी सेना में भर्ती नहीं हो सकते, बावजूद इसके अग्निपथ हिंसा की आग भारत के 19 राज्यों में धधक रही है. यूपी और बिहार में सबसे ज़्यादा उग्र प्रदर्शन हुए हैं और लगातार हो रहे हैं. आम नागरिकों की संपत्ति को भी काफी नुकसान हुआ है. यह बताए गए नुकसान के आंकड़े तो सिर्फ रेलवे के हैं. पूरे देश में प्राइवेट और पब्लिक प्रॉपर्टी को कितना नुकसान हुआ है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है.