एमपी में बिना अनुमति सरकारी या निजी सम्पत्ति पर चुनावी नारे लिखाना प्रतिबंधित, लगेगा जुर्माना
MP Panchayat Chunav News: पंचातय चुनाव निष्पक्ष करवने को लेकर जिले के कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में व्यवस्था बनाने में जुटे हुए है।
MP Panchayat Chunav News: पंचातय चुनाव निष्पक्ष करवने को लेकर जिले के कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में व्यवस्था बनाने में जुटे हुए है। इसी क्रम में जबलपुर के कलेक्टर इलैयाराजा टी ने अपने जिला क्षेत्र में कुछ नियम लागू किया है। कलेक्टर का कहना है कि किसी की निजी सम्पत्ति पर उसकी अनुमति के बिना नारा लिखना, चिन्ह बनाना या प्रचार से जुडी किसी भी तरह की लिखावट प्रतिबंधित रहेगी। यही नियम सरकारी दीवारों के लिए भी जारी किया गया है। अगर कोई सरकारी दीवार व निजी सम्मपत्ति पर इस तरह का कार्य करता हैं तो उस पर आदर्श आचार संहिता के तहत नियमन कार्रवाई की जायेगी।
गठित होगा 'लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता'
कलेक्टर ने जारी किये अपने आदेश में कहा है कि पंचायत चुनाव को देखते हुए प्रशासन की निगरानी में पुलिस थाने में 'लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता' गठित किया जायेगा। यह आदेश जिला कलेक्टर ने जारी किया है।
कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि कोई भी राजनैतिक दल या फिर नेता या फिर अन्य कोई भी व्यक्ति किसी भी शासकीय या निजी भवन की दीवार पर न तो पोष्टर लगा सकता है। और न ही स्याही या अन्य किसी साधन से दीवारों पर कोई भी प्रचार से जुडी जानकारी लिख सकता है।
कलेक्टर ने इस तरह की समस्या से निबटने के लिए लोक सम्पत्ति सुरक्षा दस्ता बनाने के लिए कहा है। कहा गया है कि इस दस्ते में लेक निर्माण विभाग के स्थाई गैंग के कर्मचारी होंगे। वहीं इनके साथ कार्यवाही में सहयोग थाने की पुलिस करेगी। इसके लिए पुलिस उप निरीक्षक तथा पटवारी की ड्यिटी लगाई गई है।
करवा सकते हैं एफ आई आर
आदेश में कहा गया है कि किसी निजी संपत्ति में उसके मालिक की अनुमति के बगैर अगर उसकी दीवार पर कोई कुछ लिखता है या बैनर पोष्टर लगाता है सम्पत्ति को विरूपित करता है तो संपत्ति का स्वामी थाने में जाकर संबंधित के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवा सकता है। इस दशा में पुलिस कार्यवाही करेगी। साथ ही संपत्ति सुरक्षा दस्ते को सूचित किया जाएगा। जे उसे वहां से हटायेगी।
कलेक्टर का कहना है कि विरूपण समाप्त करने में आने वाला खर्च संबंधित अभ्यर्थी से वसूला जाएगा। वसूल की जाने वाली राशि संबंधित दस्ते द्वारा लोक निर्माण विभाग के माध्यम से जिला दंडाधिकारी को सूचित करेगा।