शिवराज सरकार ने जिन लोगों के पीएम आवास गिरवाए अब उन्हें मल्टीप्लेक्स में शिफ्ट करने हाथ-पैर जोड़ रहे
खरगोन हिंसा के बार शिवराज सरकार ने कई आरोपियों के घर गिरा दिए थे, जिनमे से कुछ के प्रधानमंत्री आवास थे. घर टूटने के बाद परिवार मस्जिद में रह रहा है, अब एमपी सरकार उन्हें मल्टीप्लेक्स में शिफ्ट करने के लिए हाथ-पैर जोड़ रही है
खरोगन हिंसा: रामनवमी के जुलुस में एमपी के खरगोन जिले में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पत्थरबाज़ी की. तैश में आकर बुलडोजर मामा मतलब एमपी के मुक्खीमंत्री ने पत्थरबाजों के घर में बुलडोजर चलवा दिए. कुछ मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार ने ही बनवाए थे. लेकिन सरकार ने अवैध माकन बता कर आरोपियों को सबक सिखाने और मिसाल कायम करने के मकसद से कार्रवाई की थी. अब मध्य प्रदेश सरकार उन लोगों के आगे हाथ-पैर जोड़ रही है जिनके घर गिरवाए गए हैं. उन्हें अब मल्टीप्लेक्स में शिफ्ट करने के लिए सरकार मिन्नतें कर रही है.
शिवराज सरकार के आदेश पर प्रशासन ने खरगोन हिंसा के बाद, हसीना फखरू के खरखासवाड़ी में मौजूद पीएम आवास गिरा दिया था, बाद में मिडिया में यह खबर फैली की जिस घर को प्रशासन ने गिरा दिया है उसे बनाने के लिए तो सरकार ने ही पैसे दिए थे वो अवैध कैसे हो गया? इस घटना के बाद खरगोन प्रशासन और शिवराज सरकार की पूरे देश में बेज्जती हो गई. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार अब प्रशासन हसीना फखरू और उनके परिवार को एक मल्टीप्लेक्स में शिफ्ट करने के लिए मिन्नतें कर रहा है.
घर टूटने के बाद मस्जिद में रहती हैं हसीना फरुख
13 अप्रैल को खरगोन प्रशासन ने 12 घरों पर बुलडोजर चलवाया, प्रशासन का कहना था कि पत्थरबाज़ी में शामिल लोगों के घर अवैध थे, जबकि हसीना फखरू का घर पीएम आवास के तहत बनाया गया था. घर टूटने के बाद पीड़ित हसीना फखरू अपने परिवार के साथ मस्जिद के एक कोने में रहती थी. इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार जब प्रशासन की टीम हसीना फखरू को ढूढंते हुए मस्जिद पहुंची तो हसीना फरुख को राशन दिया और जल्द मल्टीप्लेक्स में शिफ्ट करने की बात कही. लेकिन हसीना फरुख और उनके परिवार ने उस इलाके में जाने से मना कर दिया।
हसीना फखरू के बेटे अमजद खान ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा
पहले अधिकारीयों ने कहा वो हमें मल्टीप्लेक्स में घर देंगे। लेकिन वो बिल्डिंग साम्प्रदाइक इलाके में है, इसी लिए हमने शिफ्ट होने से मना कर दिया, तब उन्होंने हमसे हमारे पुराने घर के बारे में पूछा, हमने उन्हें बताया की हम 30 साल से खासरखासवाड़ी में रह रहे हैं.
खरगोन प्रशासन का क्या कहना है
खरगोन के जिलाधिकारी का कहना है कि सरकार हसीना फखरू के परिवार को फिर से बसाएगी, इससे पहले इन्ही जिलाधिकारी ने कहा था कि हसीना फखरू का जहां घर बना था वो जमीन राजस्व की थी. इसके बाद अमजद खान ने प्रशासन के दावे को ग़लत ठहराते हुए साल 2017-18 को जमा टैक्स और बिजली के बिल भी दिखाए। अमजद ने कहा कि पहले हम कच्चे घर में रहते थे बाद में पीएम आवास के तहत हमें पक्का घर बनाने के लिए पैसे मिले थे.