मध्य प्रदेश में OBC आरक्षण के साथ होंगे पंचायत और निकाय चुनाव, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया

OBC आरक्षण मध्य प्रदेश: सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार शिवराज सिंह चौहान की अपील को मान लिया है और मध्य प्रदेश में OBC आरक्षण बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है

Update: 2022-05-18 07:41 GMT

मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव OBC आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने शिवराज सरकार को मध्य प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव और निकाय चुनाव में OBC वर्ग को आरक्षण देने का आदेश जारी कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि OBC को आरक्षण दिया जाए लेकिन चुनाव में सभी वर्गों को मिलाकर आरक्षण का दायरा 50% से अधिक नहीं होना चाहिए। 

OBC आरक्षण मध्य प्रदेश: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में निकाय और पंचायत चुनाव में OBC रिजर्वेशन को लेकर एमपी सरकार की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार.को अपना अंतीम फैसला दिया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण देने से इंकार कर दिया था लेकिन अब अपना निर्णय बदलते हुए कोर्ट ने आरक्षण देने का आदेश जारी किया है. 

पुनर्विचार याचिका पर अपना फैसला बदल दिया 

OBC Reservation MP: इससे पहले वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को जो फैसला सुनाया था उसमे OBC आरक्षण के बिना निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था. कोर्ट ने मध्य प्रदेश चुनाव आयोग को 24 मई के पहले निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने के निर्देश भी दिए थे. कोर्ट ने पहले वाले आदेश में कहा था कि OBC आरक्षण की शर्तों को पूरा किए बिना पिछड़े वर्ग को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। 

OBC को एमपी में कितना आरक्षण मिलेगा: मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण ने प्रदेश में OBC वर्ग को आरक्षण दिलाने के लिए रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी और एमपी में त्रिस्तरीय चुनावों में OBC  वर्ग के लिए 35% आरक्षण की मांग उठाई थी. एमपी सरकार के हवाले से लगाई गई इस याचिका में कहा गया था कि एमपी में 48% मतदाता OBC हैं ऐसे में उन्हें चुनाव में 35% आरक्षण मिलना चाहिए। लेकिन कोर्ट ने पहले आरक्षण देने से मना कर दिया था. 

OBC को एमपी पंचायत और निकाय चुनाव में कितना आरक्षण मिलेगा 

मध्य प्रदेश में सरकार 50% आरक्षण को OBC, ST-SC वर्ग में बटवारा करेगी जिसमे सबसे ज़्यादा आरक्षण OBC को मिलेगा और OBC आरक्षण के साथ ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और निकाय चुनाव होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरक्षण देदो लेकिन वह 50% से ज़्यादा नहीं हो सकता। किस वर्ग को कितना आरक्षण देना है इसका निर्णय खुद सरकार करेगी 

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