अब मध्यप्रदेश में मंत्री खुद भरेंगे अपना इनकम टैक्स, मोहन कैबिनेट ने 52 साल पुराना एक फैसला बदला
मध्यप्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को 52 साल पुराना एक फैसला बदल दिया है, जिसमें अब मुख्यमंत्री सहित मंत्री अपना इनकम टैक्स का भुगतान स्वयं करेंगे।
भोपाल। मध्यप्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को 52 साल पुराना एक फैसला बदल दिया है, जिसमें अब मुख्यमंत्री सहित मंत्री अपना इनकम टैक्स का भुगतान स्वयं करेंगे। इससे पहले सरकार इनकम टैक्स का भुगतान करती थी। मंत्रालय में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुए मंत्रिमण्डल की बैठक में इनकम टैक्स सरकार द्वारा नहीं भरे जाने का फैसला लिया गया।
बैठक शुरू होते ही सीएम डॉ. यादव के इस प्रस्ताव का सभी मंत्रियों ने समर्थन किया। इससे पहले सौएम ने मंत्रियों से कहा कि उन्हें मिलने बाले भत्ते पर लगने चाला इनकम टैक्स राज्य सरकार देती है। इसमें सुधार किया जाना चाहिए। मंत्रियों को सहमति मिलने पर इससे संबंधित अधिनियम समाप्त करने का रास्ता साफ हो गया।
गौरतलब है कि इस अधिनियम की वजह से सरकार पर आर्थिक बोझ पड़ रहा था। सरकार ने पिछले पांच साल में मंत्रियों के खाते में 3.24 करोड़ की राशि का इनकम टैक्स जमा कराए है।
1 एकड़ या उससे अधिक की भूमि पर पौधारोपण किया जा सकेगा
नगरीय प्रशासन एवं आचास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि अभी तक प्रदेश में पौधारोपण के लिए सीएसआर के माध्यम से 10 एकड़ भूमि पर ही पौधे लगाए जाते थे, लेकिन अब इसे 10 एकड़ की सीमा का खत्म कर इसे न्यूनतम एक एकड़ कर दिया गया है। अब सीएसआर फंड के तहत 1 एकड़ या उससे अधिक की भूमि पर पौधारोपण किया जा सकेगा।
विजयवर्गीय ने बताया कि मोहन कैबिनेट ने तय किया है कि प्रदेश के ऐसे छात्र जो दूसरे राज्यों के सैनिक स्कूलों में पढ़ रहे हैं, उन्हें भी स्कॉलरशिप का लाभ दिया जाएगा। इसी तरह खेलों को और बढ़ावा देने के लिए सरकार ने तय किया है कि भारतीय खेल प्राधिकरण की 1 एकड़ भूमि और उपलब्ध कराई जाएंगी। एक और अहम निर्णय में अब रेल की परियोजनाओं की मॉनिटरिंग का काम पूरी तरह से लोक निर्माण विभाग की दिया गया है, अभी तक यह जिम्मेदारी परिवहन विभाग उठाता था।
शहीदों के माता-पिता को भी मिलेगी राशि
कैबिनेट के उपरांत नगरीय प्रशासन एवं आचास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने पत्रकारों को बताया कि सरकार ने तय किया है कि मध्यप्रदेश के ऐसे युवा जो पैरामिलिट्री, पुलिस में काम करते हुए शहीद हो जाते हैं, उनके शहीद होने पर प्रदेश सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि शहीद की पत्नी को ही मिलती है, लेकिन अब सरकार ने निर्णय लिया है कि इसमें से 50 फीसदी राशि शहीद के माता-पिता को भी दी जाएगी।
विजयवर्गीय ने बताया कि कैचिनेट में एक अन्य प्रस्ताव के जरिए एग्रीकल्चर विषय से पढ़कर निकले युवाओं के लिए स्वाइल टेस्टिंग के जरिए उन्हें रोजगार के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान को भी मंजूरी दी है। इसके लिए सहकारी संस्थान, एग्रीकल्चर से पास होने वाले युवाओं से स्वाइल टेस्ट करा सकेंगे। सरकार उनके लिए 45-45 स्वाइल टेस्ट का भुगतान करेगी। इसके अलावा युवाओं को बाकी किसानों को इसके लिए प्रेरित करना होगा। यह सभी 313 ब्लॉक में प्रयोगशाला शुरू होंगी।
इसी तरह बैठक में मध्य प्रदेश सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक 2024 के प्रस्ताव पर भी सहमति बनी है। जिससे अब प्रदेश के सागर, भिंड दमोह, छतरपुर, रतलाम, मंदसौर और बैतूल में नई जेलें बनाई जाएंगी साथ ही कैदियों के सुधार व पुनर्वास के लिए कई सुधारात्मक कार्य किए जाएंगे। इस विधेयक को मानसून सत्र लाकर पारित कराया जाएगा।