एमपी के युवक के मन में उमड़ी श्रद्धा तो नुकीली कीलों की शैया पर लेटकर जा रहा बागेश्वर धाम
श्रद्धा और भक्ति के अलग-अलग रूप यदा-कदा ही देखने को मिलते हैं। ऐसा ही मामला चंबल से जुड़े एक युवक का सामने आया है जिसने कीलों की शैया पर यात्रा कर बागेश्वर धाम जाने की ठानी।
श्रद्धा और भक्ति के अलग-अलग रूप यदा-कदा ही देखने को मिलते हैं। भक्त द्वारा अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के जुगत लगाए जाते हैं। इतना ही नहीं अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए वह कठिन दौर से भी गुजर जाते हैं। कुछ ऐसा ही मामला चंबल से जुड़े एक युवक का सामने आया है जिसने कीलों की शैया पर यात्रा कर बागेश्वर धाम जाने की ठानी।
शिवपाल ने कहा नहीं हो रही कोई परेशानी
चंबल के रहने वाले युवक शिवपाल सिंह लोहे की नुकीली कीलों की शैया पर लेटकर जा बागेश्वर धाम जा रहा है। नेशनल हाइवे-39 से लगभग सात किलोमीटर तक पटरे पर ठोकी गई कीलों पर लेटकर यह यात्रा तय कर रहे हैं। उनकी इस श्रद्धा भक्ति को देखकर लोग भी हैरान हैं। उनकी यह यात्रा देखने के लिए लोगों का हुजूम भी लग जाता है। इस दौरान शिवपाल ने कहा कि उन्हें कीलों पर लेटकर यात्रा करते समय कोई परेशानी नहीं हो रही है। उनके मन में श्रद्धा जगी तो वह यह रास्ता अपनाकर बागेश्वर धाम जा रहे हैं। वह लकड़ी के पटरे पर गड़े कीलों पर लेटे हैं तो पटरे को एक रस्सी के सहारे अन्य व्यक्ति द्वारा खींचा जा रहा है।
पांचवीं बार जा रहा बागेश्वर धाम
युवक शिवपाल सिंह की मानें तो वह चार बार बागेश्वर धाम जा चुके हैं। उनकी यह पांचवीं यात्रा है। जिसमें उनके द्वारा यह मार्ग चुना गया है। इन दिनों बागेश्वर धाम के प्रति लोगों में भरपूर भक्ति दिखाई दे रही है। वर्तमान में बागेश्वर धाम की भक्ति का नजारा भारत ही नहीं बल्कि विदेशों भी छाया हुआ है। भक्तों की अनोखी भक्ति भी यहां आए लोगों को देखने को मिलती है। सूत्रों की मानें तो वर्तमान समय पर लाखों की संख्या में भक्त बागेश्वर धाम पहुंच रहे हैं। लोगों की मानें तो यहां पहुंचने वाले भक्तों की मनोकामना पूर्ण होने के साथ ही सारी बाधाएं भी दूर हो जाती हैं।