MP News: 15 जनवरी तक थानों की सीमाओं का करें निर्धारण, आदतन अपराधियों पर शिकंजा कसने के दिये निर्देश
MP News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जबलपुर संभाग की कानून व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि जिलों में पुलिस थानों की सीमाओं का निर्धारण 15 जनवरी तक पूरा कर लिया जाए। इसके लिए एसडीएम स्तर पर सभी जनप्रतिनिधियों की बैठक में विचार-विमर्श कर थानों की सीमाओं के प्रारंभिक निर्धारण के बाद दावे-आपत्तियों का निराकरण किया जायेगा। इस प्रकार 15 जनवरी तक सीमा निर्धारण संबंधी सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जबलपुर में संभागस्तरीय कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान कहा कि प्रभावी और आदतन गुंडे और बदमाशों पर सख्त कार्रवाई की जाये। उन पर शिकंजा कसा जाना ज्यादा आवश्यक है। जिससे निचले स्तर तक यह संदेश पहुंचे कि प्रशासन द्वारा आपराधिक कृत्यों में लिप्त किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदतन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। कानून व नियम का उद्देश्य भी यही है। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि खुले में मांस मछली के विक्रय पर सख्ती से प्रतिबंध लगायें। खुले में इसका व्यवसाय नही हो, इसके विक्रेताओं को जब तक पक्का निर्माण नहीं हो जाता तब तक अभी फिलहाल शेड युक्त मार्केट बना कर दिया जाय और समुचित स्थान उपलब्ध कराए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जेलों में सजा पूरी कर लेने वाले बंदियों के मानवीय पहलुओं पर विचार करते हुए जिला जेल और पुलिस बल मिलकर योजना बनायें। उन्होंने जिलों में ओपन जेल बनाने की दिशा में काम करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले में पुलिस का बैंड होना चाहिए। जिससे राष्ट्रीय पर्वों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में शासकीय बैंड का उपयोग हो इसके लिए जिन जिलों में बैंड दल नहीं है, वहां एसएएफ की कंपनियों और पुलिस बल में नई भर्ती के जवानो को प्रशिक्षण देकर पुलिस बैंड दल बनाया जाए।
इसके अलावा पुलिस द्वारा पूर्व में जिलों में प्रारंभ हुई लर्निंग कक्षाओं के संबंध में मुख्यमंत्री डॉं. यादव ने निर्देश दिये कि इस तरह सेवा और साख बढ़ाने का बेहतर काम करने वालों को सम्मानित और पुरस्कृत किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग में हाल ही में हुई पदोन्नतियों के संबंध में कहा कि पदोन्नति पाने से छूट गये पात्र और योग्य प्रमोटी पुलिस कर्मियों की भी पदोन्नति की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्धारित आवाज की सीमा के भीतर ही लाउडस्पीकर चलें। उन्होंने डीजे सहित अधिक आवाज करने वाले यंत्रों पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिये।
इसके अलावा कलेक्टर, एसपी स्थायी और अस्थायी लाऊड स्पीकर के मामलें को गंभीरता से लें। अस्थायी तौर पर विभिन्न आयोजनों के लिए अनुमति का प्रावधान है। कलेक्टर्स इस पर विशेष निगरानी रखें।