एमपी : मतदाताओं की पसंद रहे किन्नरो में नेहा नजर आएगी वोटरों के बीच, जानिए कैसे
मप्र के 28 विधानसभा में होने जा रहे उपचुनाव में एक बार फिर नेहा किन्नर मतदाताओ के बीच नजर आएगी। उन्होने अंवाह विधानसभा से निर्दलीय
भोपाल। प्रदेश की राजनीति में सदैव ही बदलाव देखा गया है। उसी तर्ज पर प्रदेश के मतदाताओ ने किन्नरो को भी अपना अच्छा मत देते आ रहे है। यही वजह है कि अब किन्नर राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका निभाना चाहते है। मप्र के 28 विधानसभा में होने जा रहे उपचुनाव में एक बार फिर नेहा किन्नर मतदाताओ के बीच नजर आएगी। उन्होने अंवाह विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरने का मन बना लिए है।
30 हजार मत पाकर दूसरे नंबर पर थी नेहा
वर्ष 2018 के चुनाव में नेहा किन्नर दूसरे नम्बर रही है। यहां से जीत दर्ज करने वाले कांग्रेस के कमलेश जाटव को 37343 वोट मिले थे जबकि नेहा किन्नर को 29796 वोट मिले थे। यहां भाजपा तीसरे नंबर पर थी और बसपा उम्मीदवार चौथे स्थान पर।
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मप्र के मुख्य चुनाव में पांच किन्नरों ने लड़ा था चुनाव
शहडोल की जयसिंह नगर विधानसभा सीट से शालू मौसी निर्दलीय चुनाव मैदान में थीं। शालू मौसी को 1,824 वोट मिले थे। होशंगाबाद विधानसभा सीट से हिंदू महासभा से पंछी देशमुख चुनाव में लड़ी थी। वो किन्नरों के लिए आरक्षण और नौकरी जैसे मुद्दे को लेकर वोट मांग रही थीं। उन्हें 441 वोट मिले थे।
दमोह विधानसभा सीट से रिहाना सब्बो बुआ ने निर्दलीय चुनाव लड़ीं थीं। उन्हें 1,283 वोट मिले थे। इंदौर जिले की विधानसभा सीट इंदौर-2 से बाला वैशवारा निर्दलीय उम्मीदवार थीं। उन्हें 1,067 मिले थे।
शबनम मौसी हुई थी देश की पहली किन्नर विधायक
शहडोल जिले के सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1998 में हुए उपचुनाव में किन्नर शबनम मौसी ने पहली बार चुनाव जीता था। ये देश के इतिहास में पहला मौका था जब कोई किन्रर विधायक बना था।