मंत्री नितिन गडकरी ने किया मध्यप्रदेश की 11 हजार 427 करोड़ की सड़कों का लोकर्पण, ये परियोजनाएँ हुई लोकार्पित
मंत्री नितिन गडकरी ने किया मध्यप्रदेश की 11 हजार 427 करोड़ की सड़कों का लोकर्पण, ये परियोजनाएँ हुई लोकार्पितकेन्द्रीय सड़क
मंत्री नितिन गडकरी ने किया मध्यप्रदेश की 11 हजार 427 करोड़ की सड़कों का लोकर्पण, ये परियोजनाएँ हुई लोकार्पित
केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम-उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने मध्यप्रदेश की अनेक सड़कों के लोकार्पण के साथ ही नए कार्यों के लिए आधारशिला रखी। वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से कुल 11 हजार 427 करोड़ की लागत से 1361 किमी लम्बाई की 45 सड़क परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण संपन्न हुए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय स्थित कक्ष से इसमें हिस्सा लिया, जबकि वर्चुअल कार्यक्रम में केंद्र सरकार और प्रदेश के कई मंत्री, सांसद, विधायक भी अलग-अलग स्थानों से इसमें सम्मिलित हुए।
केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने नई सड़कों के निर्मित होने और अनेक सड़कों का कार्य चालू होने के लिए प्रदेश की जनता को बधाई देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश समृद्ध बनेगा। प्रदेश की सड़क निर्माण की आवश्यकताओं को केन्द्र सरकार द्वारा पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने केन्द्रीय सड़क निधि (CRIF) से जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर 700 करोड़ रूपए के कार्यों के लिए सहमति प्रदान की। प्रस्तावों को मंजूरी देकर आवश्यक धनराशि भी प्रदान की जाएगी। मध्यप्रदेश में हस्तशिल्प विकास और पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं।
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आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए उनका मंत्रालय अधिकतम सहयोग प्रदान करेगा। अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिले और वे प्रदेश के विकास में सहभागी बनें, इसके लिए मध्यप्रदेश के प्रोजेक्ट मंजूर करने में विलंब नहीं होगा। गडकरी ने कहा कि आज जिन मार्गों का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है, उससे आर्थिक विकास की गति को तेज करने में सहयोग मिलेगा। परियोजनाओं से राज्य के मुख्य शहरों से ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंच आसान होगी, पर्यटन में वृद्धि होगी, रोजगार निर्माण और किसानों एवं व्यापारियों के साथ ही आम नागरिकों के समय, ऊर्जा और धन की भी बचत हो सकेगी। मध्यप्रदेश की आर्थिक रफ्तार तीव्र होगी। गडकरी ने आज स्वीकृत परियोजनाओं में से ओरछा में ब्रिज के निर्माण, ग्वालियर-देवास मार्ग, डबरा, जबलपुर, रीवा, भोपाल, साँची, सागर, बीना के कार्यों के लंबे समय से पूर्ण होने की जनप्रतिनिधियों की अपेक्षाओं का भी उल्लेख किया।
10 हजार करोड़ के पाँच नए मार्गों के लिए मंजूरी
केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने वर्ष 2020-21 के लिए 10 हजार करोड़ लागत के पांच नए मार्गों की स्वीकृति प्रदान की। इनमें राष्ट्रीय मार्ग उज्जैन-झालावाड़ 132 कि.मी., सागरटोला-कबीर चबूतरा 45 कि.मी., बुदनी-रहेटी-नसरुल्लागंज 43 किमी. शामिल है। इन्दौर-सनावद-बारेगांव-136 कि.मी. और बोरगांव-बुरहानपुर-अकोला-174 कि.मी. शामिल हैं। गडकरी ने कहा कि मध्यप्रदेश में सड़क निर्माण कार्यों की कुछ डी.पी.आर. तैयार की जा रही हैं, जिन्हें शीघ्र ही मंजूरी मिलेगी। केन्द्रीय सड़क एवं बुनियादी ढाँचा निधि (CRIF) के 5325 करोड़ के 97 कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इसके साथ ही अंतर्राज्यीय जुड़ाव एवं आर्थिक महत्व (ISC & EI) के अंतर्गत 30 करोड़ के कार्यों को स्वीकृति दी गई है। मध्यप्रदेश को 2855 करोड़ की राशि CRIF में प्रदान की गई है। गडकरी ने कहा कि मध्यप्रदेश में 13 हजार 248 किमी लंबाई एनएच की सड़कों की है। यह मध्यप्रदेश में निरंतर बढ़ी है।
विश्व का सबसे लंबा एक्सप्रेस हाईवे होगा दिल्ली-मुम्बई कॉरीडोर, मध्यप्रदेश होगा लाभान्वित
केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि भारतमाला योजना के अंतर्गत चंबल अटल प्रोग्रेस-वे के लिए शीघ्र ही आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। यह मार्ग 358 कि.मी. का है। इससे मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान की प्रगति तेज होगी। यह एक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश में 309 कि.मी., उत्तरप्रदेश में 17 किमी और राजस्थान में 32 कि.मी. का होगा। केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने दिल्ली-मुम्बई कॉरीडोर का भी जिक्र करते हुए कहा कि एक लाख करोड़ लागत से बनेगा और समय एवं ईंधन की बड़ी बचत में उपयोगी रहेगा। दिल्ली से मुम्बई 12 घंटे में पहुंचना संभव होगा।
वर्ष 2023 के पूर्व इसे निर्मित करने का लक्ष्य है। यह विश्व का सर्वाधिक लम्बाई का एक्सप्रेस हाईवे होगा। इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण की लगभग 15 हजार करोड़ की राशि की बचत संभव हो रही है। मध्यप्रदेश में यह हाईवे 244 किमी लम्बाई में रहेगा। केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने प्रदेश में नए ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर्स प्रारंभ करने के लिए भी सहमति दी। गडकरी ने कहा कि मध्यप्रदेश ही नहीं पूरे देश में सड़कों के अनेक ब्लैक स्पॉट में सुधार कार्य से हादसों में कमी आ रही है। केन्द्रीय मंत्री ने मध्यप्रदेश को सड़क निर्माण परियोजनाओं और कृषि आधारित लघु उद्योगों के विकास में भरपूर सहयोग कर आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए सभी स्वीकृतियाँ देने का आश्वासन दिया।
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केन्द्र सरकार के नवाचार प्रशंसनीय
मुख्यमंत्री चौहान ने वर्चुअल लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के लिए आज का दिन प्रगति का नया अध्याय जोड़ने का दिन है। गडकरी की कार्यों को तत्परता से पूरा करने की शैली और वित्तीय प्रबंधन के गुण का कोई जवाब नहीं है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश से साकार किया जा रहा है। प्रदेश को मिलीं सड़कों की सौगात के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गडकरी का प्रदेश की जनता की ओर से धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे ऐसे जननेताओं का अभिनंदन करना चाहते हैं। केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने प्रदेश में उनके मंत्रालय से जुड़े किसी भी कार्य के लिए स्वीकृति देने में इंकार नहीं किया, बल्कि बिना देर किए मंजूरियां दी हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने गडकरी को जानकारी दी कि आज ही आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का ड्राफ्ट फायनल हुआ है। मध्यप्रदेश में जलीय परिवहन के संबंध में विचार किया जा रहा है। ओंकारेश्वर और इंदिरा सागर जलाशयों के पर्यटन संबंधी उपयोग के साथ ही एम.एस.एम.ई. सेक्टर में नवीन गतिविधियों का रोडमैप बनाया गया है। प्रदेश के औद्योगिक विकास को इससे बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 329 कि.मी. के आठ मार्गों में से दो मंजूर हो गए हैं। ये मार्ग नसरुल्लागंज-रेहटी-बुदनी 42 कि.मी. और सागरटोला-कबीर चबूतरा 44 कि.मी. हैं। शेष 6 मार्गों के लिए भूमि उपलब्ध है। उन्होंने केन्द्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम-उद्यम मंत्री नितिन गडकरी से जीरापुरा-पिछोर, भोजापुरा-ढोलखेड़ी, कुरवाई-मुंगावली-चंदेरी, जीरापुर-सुसनेर, पवई-चंदिया, बमीठा-खजुराहो के लिए मंजूरी का आग्रह किया। उन्होंने गडकरी को सड़क सुरक्षा के प्रयासों के लिए भी धन्यवाद दिया। चौहान ने कहा कि इन प्रयासों से आज अनेक कीमती जानें बच पा रही हैं। केन्द्र सरकार के इस तरह के नवाचार प्रशंसनीय हैं।
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मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि रामवन गमन पथ के लिए भी केन्द्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा है। वर्तमान में इस मार्ग के एक हिस्से मैहर-सतना-चित्रकूट की 121 कि.मी. की स्वीकृति मिली है। इसी तरह जिलों में ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर्स प्रारंभ करने, इंदौर जबलपुर में बीओटी मॉडल पर लॉजिस्टिक हब की शुरूआत के लिए पूर्ण सहयोग की आशा है।
वन टाइम इनवेस्टमेंट पॉलिसी में मध्यप्रदेश के लिए सहयोग बढ़ाने का आग्रह
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भारत माला परियोजना में बहुत सी सड़कें मध्यप्रदेश से गुजरती हैं जो वरदान बन गईं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नर्मदा एक्सप्रेस-वे के संबंध में अलाइनमेंट और भूमि के सर्वे के लिए एजेंसी निर्धारित की जा चुकी है। प्रस्ताव के अनुसार अमरकंटक से जबलपुर, बुदनी, खातेगांव, कुक्षी और अलीराजपुर तक कुल 968 किमी. की लम्बाई मध्यप्रदेश में प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ये क्षेत्र उपजाऊ होने से भूमि अर्जन में कुछ समय लग सकता है। चौहान ने एनएचएआई के सहयोग से इस कार्य की शीघ्र पूर्णता के संबंध में केन्द्रीय मंत्री गडकरी से अनुरोध किया। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से वन टाइम इनवेस्टमेंट पॉलिसी के तहत 278 किमी. लंबाई के 182 करोड़ के 65 सड़क निर्माण कार्यों के लिए आग्रह भी किया। मुख्यमंत्री चौहान ने गडकरी की सराहना करते हुए कहा कि वे उलझे मामले सुलझा देते हैं। प्रतिदिन 32 कि.मी. सड़कें बनना चमत्कार से कम नहीं है।
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सड़क निर्माण में हुआ अद्भुत कार्य
केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण, पंचायतराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि नितिन गडकरी नवीन कल्पनाओं को साकार करने के लिए जाने जाते हैं। मुम्बई-पुणे एक्सप्रेस हाईवे का ऐतिहासिक कार्य सम्पन्न होने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी ने उनसे ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सड़कों का निर्माण का आग्रह किया था। गडकरी ने सड़क निर्माण क्षेत्र में अद्भुत कार्य कर दिखाया है। मध्यप्रदेश के चम्बल क्षेत्र को बीहड़ से अलग पहचान दिलवाने के लिए प्रोग्रेस-वे की मंजूरी, धार्मिक स्थान शनिचरा के निकट मार्गों के विकास और पूरे प्रदेश के लिए नवीन सड़क निर्माण परियोजनाओं की स्वीकृति में गडकरी का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है। यही नहीं मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन के महत्वपूर्ण कार्य का श्रेय भी गडकरी जी को है।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान और केन्द्रीय मंत्री गडकरी द्वारा मध्यप्रदेश में सड़क निर्माण की यह श्रंखला समृद्धि बढ़ाने में सहायक होगी। केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद पटेल ने कहा कि छतरपुर, सागर सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सड़कों की मंजूरी से लाभान्वित क्षेत्रों की तस्वीर बदल रही है। केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते ने कहा कि सड़कों के मामले में मध्यप्रदेश को केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का भरपूर सहयोग मिलना प्रसन्नता की बात है।
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केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय राज्यमंत्री डॉ. व्ही.के. सिंह ने कहा कि आज मध्यप्रदेश की 26 सड़क निर्माण योजनाओं के लोकार्पण और 19 योजनाओं के शिलान्यास का यह क्षण हर्षदायी है। गत 6 वर्ष में प्रदेश में एन.एच. सड़कों की 69 किमी लंबाई बढ़ जाना एक उपलब्धि है। मध्यप्रदेश के लोक निर्माण और कुटीर ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि प्रदेश के बुंदेलखंड और विंध्य अंचल के पिछड़े इलाकों के साथ ही सम्पूर्ण प्रदेश में नई सड़कों से विकास को नई दिशा मिलेगी। सड़कों के उन्नयन से, घुमावदार सड़कों के सुधार और संकरे पुल-पुलियों को चौड़ा किए जाने से आमजन को सुविधा मिल रही है। ओरछा और खजुराहो जैसे पर्यटन स्थलों का नए स्वरूप में विकास हो रहा है, जो आने वाले समय में देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ ही स्थानीय व्यक्तियों के लिए भी लाभकारी होगा। वर्चुअल कार्यक्रम में परियोजना क्षेत्र से जुड़े मध्यप्रदेश शासन के मंत्रीगण, सांसद एवं विधायकगण भी अलग-अलग स्थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, लोक निर्माण विभाग के सचिव और भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी भी उपस्थित थे।
परियोजनाएँ जो लोकार्पित हुई
1. रीवा-मैहर कटनी-स्लीमनाबाद-जबलपुर-लखनादौन फोर लेन, लागत 4348 करोड़, एनएच-30 और 34 लम्बाई 287 किमी
2. ब्यावरा-पचौर-सारंगपुर-शाजापुर-मक्सी-देवास खंड फोर लेन, लागत 1584 करोड़, एनएच-52, लम्बाई 131 किमी.
3. भोपाल-ब्यावरा खंड में लालघाटी से मुबारकपुर, भोपाल आरओबी सहित 6/4 लेन चौड़ीकरण, लागत 374 किमी, एनएच 46 लम्बाई 8 किमी
4. भोपाल-सांची खण्ड में दो लेन, लागत 305 करोड़, एनएच-136, लम्बाई 54 किमी.
5. ग्वालियर-शिवपुरी खण्ड में चार लेन चौड़ीकरण (नौगांव से सतनवाड़ा) लागत-1055 करोड़, एनएच-46, लम्बाई 97 किमी.
6. ग्वालियर-शिवपुर खण्ड में फोर लेन चौड़ीकरण (मोहना टाउन भाग) ग्वालियर-झांसी खण्ड में डबरा टाउन और सिमरिया टेकरी से हरीपुर तिराहा के साथ जौरासी मंदिर पहुंच मार्ग) लागत 79 करोड़, एनएच-46 और 44, लम्बाई 14 किमी.
इसके अलावा आज जो लोकार्पण हुए उनमें दो लेन पेप्ड शोल्डर कार्य- सांची-सागर खंड, रीवा सिरमौर खंड, सागर-छतरपुर खंड और खिलचीपुर-जीरापुर खंड शामिल हैं। इनकी संयुक्त लागत 730 करोड़ रुपये और लम्बाई 214 किमी है। इसी तरह जिन सुदृढ़ीकरण कार्यों का लोकार्पण हुआ है उनमें ब्यावरा-मकसूदनगंज रोड, अंजड़-ठीकरी रोड, जबलपुर-कुंडम शाहपुरा-डिण्डोरी रोड और सागर टोला-कबीर चबूतरा खंड शामिल है। इनकी संयुक्त लागत 6 करोड़ रुपये और लम्बाई 12 किमी है। सीआरआईएफ के अंतर्गत 6 निर्माण कार्य लोकार्पित हुए हैं, जिनकी कुल लागत 275 करोड़ रुपये और लम्बाई 165 किमी है। इनमें नरसिंहपुर-केरपानी-सरसला मार्ग, शिवपुरी लूप मार्ग से शीतलामाता चीनोर मार्ग, मकोड़ा-छीमक-बागवई-करयावटी-सांखनी-घूमेश्वर-बडगौर रोड एवं पगारा-करोद- पिरोदा खुर्द-भूतमड़ी-रूसल्ला-खामखेड़ा मार्ग (बी.टी) बरलाई-जागीर-मुण्डला हुसैन धनखेड़ीफाटा से धनखेड़ी जैतपुरा धरमपुरी मार्ग एवं विदिशा जिले में बेतोली रेल्वे फाटक पर रेल्वे ओव्हर ब्रिज शामिल हैं।
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परियोजनाएँ जिनका शिलान्यास हुआ
केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम-उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री चौहान के साथ आज जिन योजनाओं का शिलान्यास किया है, वे इस प्रकार हैं -
1. हरदा-बैतूल चार लेन मार्ग का चौड़ीकरण (चिचौली-बैतूल) लागत 620 करोड़, एनएच-47, लम्बाई 40 किलोमीटर।
2. कटनी बायपास चार लेन चौड़ीकरण - लागत 194, एनएच -30, लम्बाई 20 किलोमीटर।
3. हरदा-बैतूल चार लेन चौड़ीकरण (हरदा टेमगांव) - लागत 555 करोड़, एनएच-47, लम्बाई 30 किलोमीटर।
4. इन्दौर-हरदा- चार लेन चौड़ीकरण (ननासा-पिडगांव)- लागत 867 करोड़, एनएच-47, लम्बाई-47 किलोमीटर।
प्रदेश में 6 मार्गों का सुदृढ़ीकरण कार्य- (लागत-84 करोड़) लम्बाई 172 किलोमीटर
1. इन्दौर-बैतूल एनएच-47
2. अंबुआ से दाहोद एनएच-56
3. गुलगंज-अमानगंज-पवई-कटनी रोड एनएच-43 एक्सटेंशन
4. टीकमगढ़-पृथ्वीपुर-ओरछा रोड-एनएच-539
5. दिनारा-पिछोर रोड- एनएच-346
6. सवाई-माधोपुर (राजस्थान) से श्योपुर-गोरस-श्यामपुर रोड-एनएच 552 एक्सटेंशन
सागर-खुरई-बीना खंड के जेरई पर चार लेन आरओबी और जरूआखेड़ा पर दो लेन आरओबी (लागत 144 करोड़) एनएच-934
जिन पुलों का निर्माण कार्य होगा, वे इस प्रकार हैं-
1. एनएच-539 में बेतवा नदी पर पुल
2. एनएच-45 एक्सटेंशन में जबलपुर-डिण्डोरी पर पुल
3. एनएच-47 इन्दौर-बैतूल खण्ड में क्षिप्रा नदी पर 60 करोड़ की लागत से पुल निर्माण।
इन कार्यों के साथ ही सीआरआईएफ में भी 85 करोड़ लागत के 59 किलोमीटर लम्बाई के चार निर्माण कार्य किए जाएंगे।
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