Karam Dam Inquiry: कारम डैम मामले में जांच समिति गठित, 5 दिन में सौंपेगी रिपोर्ट
MP Latest News: बांध के निर्माण में किसके द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही की गई यह पता लगाने के लिए जांच कमेटी गठित की गई है।
MP Latest News: प्रदेश में लगातार हो रही बारिश और धार जिले (Dhar District) में कारम नदी पर बने डैम (Karam Dam) से पानी का रिसाव (Leakage) होने लगा। प्रशासन को जानकारी मिलते ही वह मौके पर पहुंच गया और राहत कार्य शुरू की गई। एहतियात के तौर पर 18 गांवों को खाली करवाया गया। करीब 40,000 ग्रामीणों की जान और माल का संकट छा गया। बांध के निर्माण में किसके द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही की गई यह पता लगाने के लिए जांच कमेटी गठित की गई है। यह जांच कमेटी 5 दिनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
इन बिंदुओं पर करेंगे जांच
जांच कमेटी को 5 दिन का समय देते हुए कहा गया है कि वह अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कमेटी को पता लगाने के लिए कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं। जिसमें निर्माणाधीन बांध के क्षतिग्रस्त होने की परिस्थितियां, कारण तथा इसके लिए जवाबदार अधिकारी कौन हैं। इन महत्वपूर्ण बातों का पता लगाकर समिति बताएगी। साथ ही समिति को यह भी कहा गया है कि वह यह भी बताएं कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए क्या किया जाए।
जांच में यह है शामिल
जांच कमेटी (Karam Dam Inquiry Committee) का गठन करते हुए संजीव गुप्ता अपर सचिव जल संसाधन विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा जांच समिति का अध्यक्ष श्री आशीष कुमार अपर सचिव जल संसाधन विभाग को बनाया गया है।
वहीं साथ में जांच कमेंटी में राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान क्षेत्रीय केंद्र भोपाल के वैज्ञानिक डॉ. राहुल कुमार जायसवाल, ब्यूरो ऑफ डिजाइन एंड हाइडल जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता दीपक सातपुते और संचालक बांध सुरक्षा बोधी भोपाल अनिल सिंह को सदस्य बनाया गया है।
देखते ही देखते फूंक गए 40 करोड़
कारम डैम का निर्माण 304 करोड़ रुपए थी। लेकिन इस में किया गया भ्रष्टाचार अब सबके सामने है। करीब 40,000 से अधिक लोगों के जान पर बनाई थी। इसका कारण घटिया निर्माण था। लोगों के जानमाल की रक्षा करने के लिए सरकार ने 3 से 4 दिनों में 40 करोड़ रुपए यूं ही फूंक दिए। आखिर यह रुपए घटिया निर्माण की वजह से ही खर्च करने पडे़। इस रकम की वसूली किससे और कब होगी यह कोई नहीं जानता।
देखना यह है कि जांच कमेटी क्या रिपोर्ट सौंपती है। और जांच रिपोर्ट के बाद सरकार दोषियों पर क्या कार्यवाही करती है। यह भविष्य के गर्त में है। लेकिन आमजन के खून पसीने की कमाई अगर इसी तरह बर्बाद होती रही तो देश के प्रधानमंत्री द्वारा भ्रष्टाचारियों पर 15 अगस्त के दिन लालकिले से दिया भाषण का क्या होगा।
साथ ही पीएम की उस बात का क्या होगा जिसमें उन्होने कहा था और सदैव कहते रहते हैं कि न खाउंगा और न खाने दूंगा। शवाल यह उठता है कि क्या यह सब कहने और सुनने तक ही सीमित रह जायेगा।