एमपी पटवारी परीक्षा में फर्जीवाड़ा: भाजपा एमएलए के कॉलेज सेंटर से टॉप-10 में से 7 पटवारी भर्ती उम्मीदवार टॉपर
मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPESB) द्वारा आयोजित ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) व पटवारी भर्ती परीक्षा के रिजल्ट पर विवाद शुरू हो गया है.
मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPESB) द्वारा आयोजित ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) व पटवारी भर्ती परीक्षा के रिजल्ट पर विवाद शुरू हो गया है. भर्ती परीक्षा के टॉप-10 की लिस्ट में से 7 उम्मीदवारों ने ग्वालियर के जिस केंद्र में परीक्षा दी, वह भिंड के भाजपा विधायक संजीव कुशवाहा का है. इस सेंटर से 114 लोगों का चयन हुआ है. विधायक के सेंटर से 7 टॉपर होने पर उम्मीदवारों ने परीक्षा रद्द करने की मांग की है.
टॉप-10 में शामिल इन सातों उम्मीदवारों का सेंटर ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में था. इन उम्मीदवारों के रोल नंबर की सीरीज भी एक जैसे शुरुआती अंक ‘2488’ से हुई. इन सात में 5 उम्मीदवारों के हस्ताक्षर हिंदी में हैं. हस्ताक्षर में भी सिर्फ नाम लिखा गया है. किसी तरह की बनावट नहीं है. इसके बाद फर्जीवाड़े के आरोप बढ़ गए हैं. इन 7 टॉपर्स ने कुल 200 अंक में से 174.88 से 183.36 तक प्राप्त किए हैं.
यह अंक नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया के बाद फाइनल रिजल्ट में मिले हैं. नॉर्मलाइजेशन के बाद करीब 10 अंक तक घटे और बढ़े हैं. जिन प्रश्नों को ईएसबी ने परीक्षा के बाद कैंसिल कर दिया और उनके नंबर नहीं दिए गए, उनके उत्तर भी इन उम्मीदवारों ने सही दर्ज किए थे. एक टॉपर उम्मीदवार के 11 प्रश्न कैंसिल किए हैं, उनमें से 10 के उत्तर सही लिखे थे.
ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) व पटवारी भर्ती परीक्षा के टॉपर
रैंक | उम्मीदवार | प्राप्तांक | परीक्षा शहर |
1 | पूजा शर्मा | 183.86 | ग्वालियर |
2 | रिंकू सिंह गुर्जर | 177.75 | भोपाल |
3 | पूनम राजावत | 177.40 | ग्वालियर |
4 | कृष्णा कुशवाहा | 177.06 | ग्वालियर |
5 | पूजा रावत | 177.00 | ग्वालियर |
6 | मधुलता गड़वाल | 176.12 | ग्वालियर |
7 | रामनरेश सिंह गुर्जर | 173.03 | भोपाल |
8 | आकाश शर्मा | 175.75 | ग्वालियर |
9 | कृष्ण कुमार पटेल | 175.25 | सागर |
10 | अंकिता मीणा | 174.88 | ग्वालियर |
30 जून को रिजल्ट आया, 10 को टॉप-10 की लिस्ट
15 मार्च से 26 अप्रैल के बीच ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) सहायक संपरीक्षक, सहायक जनसंपर्क अधिकारी, सहायक नगर निवेक्षक, सहायक राजस्व अधिकारी, सहायक अग्नि शमन अधिकारी जैसे पदों की सीधी एवं बैकलॉग भर्ती तथा पटवारी भर्ती परीक्षा का आयोजन प्रदेश के 13 शहरों में ऑनलाइन हुआ था. इसके लिए 12.79 लाख आवेदन आए थे. इनमें से 9.78 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. रिजल्ट 30 जून को आया. टॉप-10 उम्मीदवारों की लिस्ट 10 जुलाई को जारी की गई. इसके बाद रिजल्ट पर विवाद शुरू हो गया.
कॉलेज केवल इंफ्रॉस्ट्रक्चर प्रदान करता है
एनआरआई कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट में प्रशासनिक कार्य देखने वाले कर्मचारी अमित श्रीवास्तव का कहना है कि कर्मचारी चयन मंडल की परीक्षा में प्रबंधन द्वारा केवल इंफ्रॉस्ट्रक्चर उपलब्ध कराया जाता है. सेटअप पूरा कर्मचारी चयन मंडल का रहता है. साफ्टवेयर कंपनी भी मंडल द्वारा निर्धारित रहती है. परीक्षा सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होती हैं. एग्जाम में ड्यूटी का निर्धारण भी कर्मचारी चयन मंडल द्वारा किया जाता है. यह परीक्षाएं जिला प्रशासन और कर्मचारी चयन मंडल की निगरानी में आयोजित होती हैं कॉलेज का कोई रोल नहीं है.
कॉलेज का काम संसाधन उपलब्ध कराना
कोई भी प्रतियोगी परीक्षा हो, उसे प्रशासन की निगरानी में निर्धारित एजेंसी कराती है. कॉलेज प्रबंधन द्वारा हॉल और कंप्यूटर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाती है. -संजीव सिंह कुशवाह, विधायक, भिंड
कृषि विस्तार अधिकारी परीक्षा में भी ऐसा ही, बाद में परीक्षा निरस्त हुई
2020 में कृषि विस्तार एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी पदों के लिए भर्ती परीक्षा हुई थी. इसमें भी टॉप-10 उम्मीदवारों के एक जैसे अंक थे. इसके बाद इस भर्ती परीक्षा काे निरस्त करना पड़ा था. जांच में पाया था प्रश्नपत्र ईएसबी के बाहर अन्य अनधिकृत मशीन पर डाउनलोड हुआ था.