शिवराज कैबिनेट का फैसला: MP में फसलों के नुकसान पर मुआवजा बढ़ाया गया, जानिए अब किस दर से मिलेगी मदद राशि
मध्यप्रदेश शिवराज कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. कैबिनेट ने बारिश-ओले से प्रभावित होने वाली फसल के मुआवजे की रकम बढ़ाने का निर्णय लिया है.
Shivraj Cabinet News 25 April: भोपाल. मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार की कैबनेट बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। कैबिनेट ने राज्य में बारिश-ओले आदि से प्रभावित होने वाली फसलों के मुयावजे की रकम को बढ़ाने का फैसला लिया है। साथ ही बिजली विभाग में कार्यरत आउटशोर्स लाइनमैन के वेतन के अलावा हर माह एक हजार रुपए का जोखिम भत्ता देने का निर्णय लिया है। समझिए कितने हेक्टेयर की भूमि तक किसानों की कितना मुआवजा मिलेगा...
0 से 2 हेक्टेयर तक के किसानों के लिए
25% से 33% फसल के नुकसान पर मुआवजा
- वर्षा आधारित फसल के रुपए 5500 प्रति हेक्टेयर।
- सिंचित फसल के लिए 9500 रुपए प्रति हेक्टेयर।
- बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने की कम अवधि में फसल के नष्ट होने पर) 9500 रुपए प्रति हेक्टेयर।
- बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने के बाद फसल के नष्ट होने पर) 16000 रुपए प्रति हेक्टेयर।
- सब्जी, मसाले, ईसबगोल की खेती के लिए 19000 रुपए प्रति हेक्टेयर के दर से मुआवजा दिया जाएगा।
33% से 50% फसल के नुकसान पर मुआवजा
- वर्षा आधारित फसल के रुपए 8500 प्रति हेक्टेयर।
- सिंचित फसल के लिए 16500 रुपए प्रति हेक्टेयर।
- बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने की कम अवधि में फसल के नष्ट होने पर) 19000 रुपए प्रति हेक्टेयर।
- बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने के बाद फसल के नष्ट होने पर) 21000 रुपए प्रति हेक्टेयर।
- सब्जी, मसाले, ईसबगोल की खेती के लिए 27000 रुपए प्रति हेक्टेयर।
- सेरीकल्चर (ऐरी, शहतूत और टसर) के लिए 6500 रुपए प्रति हेक्टेयर।
- मूंगा के लिए 8000 रुपए प्रति हेक्टेयर के दर से मुआवजा दिया जाएगा।
50% से अधिक फसल के नुकसान पर मुआवजा
- वर्षा आधारित फसल के रुपए 17000 प्रति हेक्टेयर।
- सिंचित फसल के लिए 32000 रुपए प्रति हेक्टेयर।
- बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने की कम अवधि में फसल के नष्ट होने पर) 32,000 रुपए प्रति हेक्टेयर।
- बारहमासी (बुवाई, रोपाई से 6 महीने के बाद फसल के नष्ट होने पर) 32,000 रुपए प्रति हेक्टेयर।
- सब्जी, मसाले, ईसबगोल की खेती के लिए 32,000 रुपए प्रति हेक्टेयर।
- सेरीकल्चर (ऐरी, शहतूत और टसर) के लिए 13,000 रुपए प्रति हेक्टेयर।
- मूंगा के लिए 16,000 रुपए प्रति हेक्टेयर के दर से मुआवजा दिया जाएगा।