विंध्य में यहां चिटफंड कंपनियों ने ठगे 10 करोड़, कलेक्टर से पैसा दिलाए जाने की लगाई गुहार

सिंगरौली- लालच को ऐसे ही बुरी बला नहीं कहते। कई बार लालच में आकर व्यक्ति अपनी वर्षों की जमा पूंजी को एक ही झटके में गंवा बैठता है।

Update: 2022-11-03 12:35 GMT

Singrauli MP News: लालच को ऐसे ही बुरी बला नहीं कहते। कई बार लालच में आकर व्यक्ति अपनी वर्षों की जमा पूंजी को एक ही झटके में गंवा बैठता है। व्यक्ति के लालच जैसे मनोविकार का फायदा उठाते हैं शातिर ठग। इसी परिप्रेक्ष्य में सिंगरौली जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें फर्जी चिटफंड कंपनियों द्वारा जिले के लोगों का ठगते हुए तकरीबन 10 करोड़ की राशि लेकर चंपत हो गए। राशि न मिलने से परेशान ग्रामीणों ने बीते दिवस कलेक्ट्रेट कार्यालय में धरना प्रदर्शन कर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

क्या है ज्ञापन में

चिटफंड कंपनियों से निवेशकों का पैसा दिलाए जाने की मांग को लेकर ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार संघ ने बुधवार को कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया। जिला प्रशासन से चिटफंड कंपनियों में डूबी रकम वापस दिलाए जाने की बांकी की। संघ का कहना है कि जिले के तकरीबन 50 हजार परिवारां से चिटफंड कंपनियों ने लगभग 10 करोड़ से ज्यादा की राशि ठगी है। संघ लगातार निवेशकों की राशि वापस दिलाए जाने की मांग कर रहा है, प्रशासन द्वारा इस संबंध में किसी प्रकार की कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा। जिसके कारण निवेशकों को उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है।

पुलिस नहीं दर्ज कर रही प्रकरण

संघ ने कहा कि एक नहीं बल्कि कई चिटफंड कंपनियां निवेशकों का पैसा ठगने के बाद गायब हो गई। पुलिस द्वारा संबंधित कंपनियों के खिलाफ प्रकरण तक दर्ज नहीं किया जा रहा। जिसके कारण जमाकर्ता अपने भुगतान के दावे बड्स 2019 एवं मप्र के वित्तीय अधिष्ठानों में जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम के तहत नियुक्त सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर पा रहे। यह प्रभावित लोगों के साथ अन्याय है।

Tags:    

Similar News