बुजुर्ग माता-पिता को परेशान करता था बेटा, कोर्ट ने 10 दिन के अंदर मकान खाली करने के आदेश दिए
बॉम्बे हाईकोर्ट: तय अवधि में पालन नहीं किया तो जा सकते हैं जेल.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने माता-पिता को परेशान करने वाले बेटा-बहू को 10 दिन में मकान खाली करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि बेटा-बहू तय अवधि में मकान खाली नहीं करते हें तो सीनियर सिटीजन ट्रिब्यूनल के आदेश को कड़ाई से लागू किया जाए, जिसमें दोनों को जेल भेजने का निर्देश दिया गया है। अपीलेट ट्रिब्यूनल को बेटा- बहू की याचिका पर 6 हफ्ते में फैसला करने को कहा गया है।
हाईकोर्ट के जस्टिस गिरीश कुलकर्णी व जस्टिस फिरदौस पुनिवाला की पीठ ने बुजुर्ग दंपती की याचिका पर सुनवाई के दौरान पाया कि बेटे ने ट्रिब्यूनल के आदेश को अपीलेट ट्रिब्यूनल में चुनौती दी है। इसलिए मकान खाली करने के आदेश पर अमल नहीं हुआ। पीठ ने कहा कि अपीलेट ट्रिब्यूनल के फैसले से पहले ही बेटा-बहू से मकान खाली करवाया जाए। नोटिस के बावजूद बेटा-बहू हाईकोर्ट नहीं आए। इसे देखते हुए पीठ ने कहा, हमें बेटा-बहू की अपील को लेकर संदेह है। मकान खाली करने के आदेश को लागू नहीं करने पर पीठ ने पुलिस की भूमिका पर नाराजगी जताई।
यह है मामला
बेटे-बहू की बदसलूकी से परेशान माता-पिता ने सीनियर सिटीजन ट्रिब्यूनल में अर्जी दी थी। ट्रिब्यूनल ने जून, 2022 में बेटे-बहू को मकान खाली करने व पांच हजार रुपए का भरण-पोषण देने का आदेश दिया। ट्रिब्यूनल के आदेश पर डेढ़ साल बाद भी अमल नहीं हुआ तो दंपती ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
लोन की किस्तों का नहीं किया भुगतान
याचिका के मुताबिक बुजुर्ग ने 2002 में खारघर में फ्लैट खरीदा था। इसके लिए पिता ने बेटे के साथ संयुक्त रूप से लोन लिया था। बेटे ने लोन की रकम का भुगतान नहीं किया। उल्टे पत्नी के साथ मिलकर बुजुर्ग माता-पिता को परेशान करना शुरू कर दिया।