महाराष्ट्र: राज ठाकरे की धमकी से डरी महाराष्ट्र सरकार, अब लाउडस्पीकर बजाने अनुमति लेनी होगी
Maharashtra: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने 3 मई तक मस्जिदों से लाऊड स्पीकर्स हटाने की चेतावनी दी थी
Maharashtra: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे की धमकी के सामने महाराष्ट्र शिवसेना सरकार झुकती हुई नज़र आ रही है. अब महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकर बजाने के लिए पहले प्रशासन से मंजूरी लेनी पड़ेगी। देखा जाए तो नियम यही कहता है कि लाऊड स्पीकर की आवाज 5-10 डेसीबल से ज़्यादा और 15 दिन से अधिक समय के लिए नहीं होना चाहिए। लेकिन अराजकता इतनी है कि उसके सामने कानून छोटा पड़ जाता है.
महाराष्ट्र सरकार ने आदेश जारी किया है कि अब से धार्मिक स्थानों में लाउडस्पीकर बजाने के लिए पहले प्रशासन से मंजूरी लेनी होगी। गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि स्पीकर लगाने के लिए कमिश्ननर ऑफ़ पुलिस से अनुमति की जरूरत होगी। इसी मुद्दे में आज महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और गृहमंत्री दिलीप वालसे की मीटिंग भी होनी है.
राज ठाकरे ने दिया था अल्टीमेटम
बता दें की MNS प्रमुख राज ठाकरे ने सबसे पहले लाउडस्पीकर का विरोध शुरू किया था. उन्होंने कहा था कि मस्जिदों में बेवजह दिन में 5-5 बार लाउडस्पीकर से अज़ान बजाई जाती है और उन लोगों को भी सुनाया जाता है जिन्हे अज़ान सुननी ही नहीं है. उन्होंने कहा था कि अगर तुम लाउडस्पीकर से अज़ान देना बंद नहीं करोगे तो मैं मस्जिदों के सामने डबल लाउडस्पीकर में हनुमान चालीसा बजाऊंगा, उन्होंने यह भी अल्टीमेटम दिया था कि अगर 3 मई तक मस्जिदों ने लाउडस्पीकर नहीं हटाए जाते हैं तो फिर मैं क्या करूंगा यह पता चलेगा।
नासिक पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि 3 मई तक सिर्फ मस्जिद ही नहीं सभी धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकर बजाने के लिए परमिशन लेनी होगी, और निर्धारित डेसीबल में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि मस्जिद, मंदिर, चर्च, गुरुद्वारा सहित सभी तरह के धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकर के लिए लिखित अनुमति की जरूरत होगी और इसके खिलाफ जाने वालों को 4 महीने से एक साल की कैद की सज़ा का प्रावधान है.
मस्जिद के 100 तक हनुमान चालीसा नहीं बजेगी
महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा अजीब फैसला लिया है. सरकार ने फरमान जारी किया है कि महाराष्ट्र में मस्जिदों के 100 मीटर के दायरे में हनुमान चालीसा ही नहीं बजेगी, ऐसा इस लिए ताकी दो धर्मों के बीच दरार न पैदा हो. अगर मस्जिद के पास कोई आयोजन है तो इसके लिए अनुमति लेनी होगी।