UGC New Rule: असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी की आवश्यकता नहीं, इनकी होगी सीधी भर्ती

UGC New Rule: यदि आपका किसी कॉलेज अथवा यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का सपना है तो अब आपको पीएचडी करने की जरूरत नहीं। यूजीसी ने इसके लिए नए नियम जारी कर दिए हैं।

Update: 2023-07-05 08:59 GMT

UGC New Rule: यदि आपका किसी कॉलेज अथवा यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का सपना है तो अब आपको पीएचडी करने की जरूरत नहीं। यूजीसी ने इसके लिए नए नियम जारी कर दिए हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए न्यूनतम योग्यता के तहत अब आपको NET, SET या SLET की परीक्षा पास करनी पड़ेगी।

1 जुलाई से नियम लागू

यूजीसी के यह नए नियम 1 जुलाई 2023 से लागू कर दिये गये हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने इस संबंध में बुधवार को जानकारी दी गई। एएनआई के माध्यम से दी गई जानकारी में बताया गया है कि समस्त उच्च शैक्षणिक शिक्षा संस्थानों के लिए सहायक प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए न्यूनतम मानदंड तय कर दिए गए हैं। इस संबंध में UGC ने नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें कहा गया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए न्यूनतम योग्यता के रूप में NET, SET या SLET की परीक्षा पास करना जरूरी होगा। इन परीक्षाओं को पास करने वाले अभ्यर्थी अब सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नौकरी पा सकेंगे।

नियुक्ति संबंधी बदलाव किए रद्द

असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति संबंधी पिछले बदलावों को रद्द कर दिया गया है। यूजीसी रेगुलेशन 2018 के यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर नियम बदल दिए गए हैं। अब इन्हें यूजीसी रेगुलेशन 2023 के तहत बदला गया है। यूजीसी ने इस संबंध में 30 जून 2023 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था। नए नियमों के मुताबिक सभी हायर एकेडमिक इंस्टीट्यूट्स में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए मिनिमम क्राइटेरिया नेट या सेट अथवा स्लेट होगा। इसके अलावा 2021 में किए गए नियुक्ति संबंधी बदलावों को भी रद्द माना जाएगा।

पहले यह थे यूजीसी के नियम

इसके पूर्व यूजीसी के यह नियम थे। जिसमें आर्ट्स, कॉमर्स, ह्यूमैनिटीज, लॉ, फिजिकल एजुकेशन, साइंसेज, सोशल साइंस से संबंधित सब्जेक्ट्स के लिए सहायक प्रोफेसरों की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को संबंधित विषय में न्यूनतम 55 फीसदी अंकों के साथ PG और UGC नेट अथवा UGC-CSIR नेट या SET/ SLET की परीक्षा पास होना आवश्यक था। इसके साथ ही संबंधित सब्जेक्ट में संशोधित नियमों के मुताबिक पीएचडी होल्डर भी आवेदन कर सकते थे। किंतु अब इन नियमों में यूजीसी ने बदलाव कर दिया है, जो 1 जुलाई से लागू भी हो गए हैं।

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