अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय 'राकेश शर्मा' अब कहां हैं, क्या कर रहे हैं?
Where Is Rakesh Sharma: राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय एस्ट्रोनॉट थे, वो एकलौते भारतीय नागरिक हैं जो स्पेस में गए थे.
Where Is Astronaut Rakesh Sharma: 23 अगस्त का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक दिन है. इसरो के द्वारा निर्मित चंद्रयान-3 अब चाँद के साउथ पोल पर पहुँच चुका है. लेकिन क्या आप अंतरिक्ष में जानें वाले पहले और एकलौते भारतीय नागरिक राकेश शर्मा के बारे जानते हैं? Astronaut Rakesh ने ही अंतरिक्ष में जाकर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री से कहा था 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा'. राकेश शर्मा Soviet Interkosmos Programme का हिस्सा थे. 3 अप्रैल 1984 को इसी मिशन में उन्हें अंतरिक्ष के सफर के लिए चुना गया था. वो पहले भारतीय नागरिक थे जिन्हे स्पेस में जाने का मौका मिला था. उनके बाद अबतक कोई भी भारतीय स्पेस में नहीं गया है. कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स भी स्पेस में गई थीं लेकिन वो इंडियन ओरिजिन थीं ना कि भारतीय नागरिक।
सोशल मीडिया में आज भी राकेश शर्मा को याद कर लिया जाता है, जब कोई अंतरिक्ष मिशन को अंजाम दिया जाता है तो न्यूज़ चैनलों में राकेश शर्मा का वो वीडियो जरूर दिखाया जाता है जब स्पेस जानें के बाद पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे पुछा था 'अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है?' राकेश शर्मा ने जवाब देते हुए कहा था 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा'
राकेश शर्मा के उस मिशन को 39 साल बीत गए हैं और IAF Pilot Rakesh Sharma की उम्र 74 साल हो गई है. दुर्भाग्य से उनकी चर्चा सिर्फ पुराने वीडियो से ही होती है, उन्हें आज को इज्जत और सम्मान मिलना चाहिए था वो नहीं मिल रहा है. शायद देश ने उन्हें भुला दिया है या खुद राकेश शर्मा लाइम लाइट से दूर रहना पसंद करते हैं.
राकेश शर्मा की जीवनी
Biography Of Rakesh Sharma: राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को पंजाब के पटियाला में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उन्होंने St. George's Grammar School, Hyderabad से स्कूलिंग और Nizam College Hyderabad से ग्रैजुएशन किया था. इसके बाद उन्होंने 1966 में National Defence Academy में बतौर Air Force Plebe के पद में नौकरी शुरू कर दी थी. और 1970 में IAF पायलट बन गए थे.
1984 में प्रमोट होकर राकेश शर्मा IAF के Squadron Leader बन गए और 20 सितबर 1982 को वे Cosmonaut बन गए क्योंकी उन्हें IAF और Soviet Interkosmos Space Programme के लिए चुना गया था.
3 अप्रैल 1984 को राकेश शर्मा अंतरिक्ष जाने वाले पहले और एक लौटे भारतीय नागरिक बन गए थे. उन्होंने स्पेस में 7 दिन तक अपने साथियों के साथ समय बिताया था. उनकी जिम्मेदारी Bio-Medicine और Remote Sensing की थी.
राकेश शर्मा स्पेक्स मिशन से लौटने के बाद IAF की जिम्मेदारियों को दोबारा संभालने लगे थे. Wing Commander के पद से रिटायर होने के बाद 1987 में उन्होंने Hindustan Aeronautics Limited (HAL) ज्वाइन कर लिया था. HAL नासिक डिवीजन में चीफ टेस्ट पायलट के रूप में काम करने के बाद 1992 में वे बैंगलोर HAL में चीफ टेस्ट पायलट के रूप में काम करने लगे थे और 2001 में रिटायरमेंट में लिया था.
कहां हैं राकेश शर्मा
Where Is Rakesh Sharma: 2001 के बाद राकेश शर्मा एक दम से गायब ही हो गए, रिटायरमेंट के बाद उन्होंने सादगी भरा जीवन व्यतीत करना शुरू कर दिया वो अपनी पत्नी मधु के साथ तमिलनाडु के कूनूर में सेटल हो गए. राकेश शर्मा मीडिया और लाइम लाइट से दूर रहना पसंद करते हैं. लेकिन देश के लिए समय-समय पर अपनी सेवाएं देते रहते हैं. वे ISRO के Gaganyaan में नेशनल एडवाइजरी काउंसिल का हिस्सा थे.
राकेश शर्मा ने IAF में रहते हुए INDO-PAK WAR 1971 की जंग में हिस्सा लिया था. इसके लिए उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था. और स्पेस मिशन से लौटने के बाद उन्हें Hero Of The Soviet Union से सम्मानित किया गया था. वाकई राकेश शर्मा भारत के हीरो हैं.