इस सफेद रंग की दुर्लभ बिल्ली की कीमत 8 लाख रूपए, जानिए क्या है इसमें खास?
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के जंगल में एक बेहद दुर्लभ प्रजाति की बिल्ली (Cat) मिली है. जिसका रंग सफेद है, एक आंख नीली एक पीली है.;
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के जंगल में एक बेहद ही दुर्लभ प्रजाति की बिल्ली (Extremely Rare Species of Cat) मिली है. जिसने पूरे देश में कौतूहल मचा रखा है. सफेद रंग की इस बिल्ली (Cat) का रंग सफेद है. खासियत यह है कि इस बिल्ली की एक आंख नीली और एक गोल्डन रंग जैसी पीली है. दिखने में बेहद खूबसूरत यह बिल्ली अब जिस परिवार को मिली है, वह उसकी सदस्य बन गई है.
दरअसल, मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के सारणी के निवासी अनुभव सिंह राजधानी भोपाल से अपने वाहन के माध्यम से लौट रहें थें. उन्होंने जंगल में रास्ते में एक सफेद रंग की बिल्ली को देखा, बिल्ली को कुत्तों ने घेर रखा था. अनुभव ने अपना वाहन रोका और बिल्ली को बचाने के लिए कुत्तों को वहां से भगाया. इसके बाद जब उनकी नजर बिल्ली की आंखों में पड़ी तो एक नजर में ही बिल्ली ने उनका मन मोह लिया.
एक तो बिल्ली सफेद रंग की थी, जो बेहद खूबसूरत लग रही थी. इसके अलावा बिल्ली की सबसे ख़ास बात थी उसकी आंखें, इस बिल्ली की एक आंख नीली रंग की तो दूसरी गोल्डन जैसी पीली थी. ये बिल्ली अनुभव के लिए बेहद ख़ास बन गई. उन्होंने उसे उठाया और अपने वाहन से अपने घर सारणी ले गए.
बिल्ली को देख हर कोई अचंभित हो जाता था. उसकी नीली और पीली आँखे चर्चा का विषय बन गई. अनुभव के परिवार के लोगों ने जब उसे देखा तो उसे पालने का निर्णय लिया. तबसे यह बिल्ली अनुभव के परिवार की सदस्य बन गई है. बताया जाता है कि बिल्ली बेहद शांत है और बड़े ही प्यार से घर में सभी सदस्यों के साथ रह रही है. परिवार के सभी सदस्यों से परिचित भी हो गई है. अनुभव ने बिल्ली का नाम 'जल' रखा है. इसे कुछ लोग हैजी नाम से भी पुकारते हैं.
अनुभव ने जब इस बिल्ली के बारे में इंटरनेट में सर्च किया तो उन्हें पता चला कि जिस बिल्ली को वे अपने घर लेकर आएं हैं वह बेहद ही दुर्लभ प्रजाति की है. इस प्रजाति का भारत में मिलना भी एक अचम्भा ही है, क्योंकि यह भारत में नहीं पाई जाती.
अनुभव ने बताया कि प्रजाति के बारे में सर्च करने पर बिल्ली की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत डॉलरों में है. जो भारतीय मुद्रा के अनुसार 6-8 लाख रूपए तक है. बिल्ली के मिलने के बाद से अनुभव सिंह खुद को काफी लकी मानने लगे हैं.
बैतूल जेएच कालेज के बायोटेक्नॉलॉजी विभाग के एचओडी सुखदेव डोंगरे का कहना है कि इसे खाओ मेनी कैट कहते हैं. आमतौर पर ये थाईलैंड में पाई जाती है इसका इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है. ख़ास बात यह है कि यह बेहद चंचल, होशियार होने के साथ साथ सामाजिक भी होती है. इंसानों के बीच उसका घुलना मिलना उसके डीएनए में है. इस प्रजाति को बढ़ाने के लिए विशेष ब्रीडिंग कराई जा रही है.
इसके साथ ही सबसे अनोखी बात इस बिल्ली की आंखे हैं, जो एक नीली और एक पीली रंग की है. सुखदेव डोंगरे का कहना है कि आंखों का जो आईरिस स्ट्रक्चर होता है उसके कारण आंख अलग-अलग रंग की हो जाती है. यह खासियत जन्मजात होती हैं. अलग-अलग रंग की आंखों वाली बिल्ली लाखों में एक होती है.