Burari Case: परिवार के 11 लोगों की आत्महत्या पर आधारित फिल्म का ट्रेलर देख आपके रोंगटे खड़े हो जाएगें

दिल्ली के बुराड़ी कांड पर नेटफ्लिक्स ने फिल्म बनाई है जिसे देख रूह कांप उठती है

Update: 2021-10-02 08:08 GMT

बुराड़ी डेथ मिस्ट्री :


बात 1 जुलाई 2008 की है जब देश की राजधानी दिल्ली के बुराड़ी में आने वाले संतनगर में पुलिस गाड़ियों के सायरन की आवाज गूंज रही थी। मीडिया चेनल्स पर लगातार बुराड़ी  के एक परिवार की न्यूज़ चल रही थी, नेता लोग डिबेट कर रहे थे पूरे देश में हल्हा हो उठा था और संत नगर के एक मकान में 11 लोगों की लाशें फंदे में लटक रही थी। पूरा का पूरा परिवार जिसमे दादी से लेकर बेटा,बहू, नातिन और छोटा सा एक नाती रंगबिरंगे दुपट्टों को फांसी बना कर हवा में झूल रहे थे। ये द्रश्य दिल दहला देने वाला था। वो कहते है ना पुलिस वालों और क्राइम रिपोर्टर्स के अंदर भावनाए नहीं होती लेकिन उस मंज़र को देख कर सभी के रोंगटे खड़े हो गए थे। 

नेटफ्लिक्स ने बुराड़ी केस पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई है 

इस डेथ मिस्ट्री पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म नेटफिल्क्स ने बनाई है। जिसका सिर्फ ट्रेलर देखने पर आपकी रूह कांप उठेगी। डॉक्यूमेंट्री फिल्म में ओरिजिनल घटना से जुड़े वीडियो और तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। इस मर्डर मर्डर मिस्ट्री से जुड़े हर एक पुलिस वाले, जर्नलिस्ट से उस दिन के घटना की कहानी पूछी गई है और फांसी के फंदे में झूले परिवार की तस्वीर दिखाई गई है जो अपने आप में ही आपको 2 मिनट के लिए सन्न कर देने के लिए काफी है। ये डॉक्यूमेंट्री फिल्म नेटफ्लिक्स में 8 अक्टूबर को लांच होगी। 

क्या हुआ था उस दिन 


हर कोई जानना चाहता है कि आखिर बच्चे बूढ़े समेत पूरे परिवार ने आत्महत्या क्यों की। ना किसी से विवाद ना  कोई हत्या और ना ही कोई सुसाइड लेटर था जो इस ग्रुप सुसाइड की गुत्थी सुलझा सके। ये केस दिल्ली पुलिस के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया था। पूरा देश ये जानना चाहता था की आखिर पूरे परिवार के साथ हुआ क्या था। जांच आगे बड़ी तो डायरियों में छुपे राज़ एक एक कर के सामने आने लगे। एक साथ आत्महत्या करने वाला भाटिया परिवार काफी मिलान सार था, पुलिस और मीडिया से उनके पड़ोसियों ने यह बताया था की उनका किसी से भी कभी भी विवाद नहीं हुआ था। आज तक ये पता नहीं चल पाया की आखिर भाटिया परिवार ने एक साथ आत्महत्या क्यों की। 

घर में अगरबत्तीकी महक थी, सभी की आँखों में पट्टी बंधी थी 


उस दिन 77 साल की नारायण देवी , 50 साल के भावनेश, 45 साल के  ललित ,बहन प्रतिभा (57 ) भावनेश की पत्नी 48 साल की सविता ,25 वर्ष की बेटी निधि ,15 साल का मासूम ध्रुव ,ललित की पत्नी टीना ,और उनका 15 साल का बेटा शिवम और उनकी भांजी प्रियंका का शव दुपट्टे से बनाए फांसी के फंदे से लटका हुआ था। सभी की आँखों में पट्टी बंधी थी। नारायण देवी का शव अंदर कमरे की फर्श में पड़ा हुआ था। रसोई घर में पकवान बने थे। पूरे घर में अगरबत्ती की खुशबु फैली हुई थी। टेलीफोन के तार से 9 लोगों के पैर बंधे थे। जिसने भी यह द्रश्य देखा वो इसे कभी भुला नहीं पाया। मीडिया वालों ने टेलीकास्ट किया की परिवार मोक्ष पाने के लिए ऐसा कदम उठया लेकिन इस बात का भी कोई प्रमाण नहीं मिला। 


Tags:    

Similar News