विराट अभी भी कप्तानी के सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार: WTC में हार के बाद टीम इंडिया की कप्तानी पर बोलें सौरव गांगुली, कैप्टेंसी छोड़ने का फैसला कोहली का ही था
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने WTC में ऑस्ट्रेलिया के हाथों भारत को मिली हार के बाद एक बार फिर कप्तानी पर बात की है।
WTC फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 209 रनों के बड़े अंतर से शिकस्त दी है। इसके पहले भी टीम इंडिया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में पहुंची थी, लेकिन न्यूजीलैंड के हाथों हार मिली थी। अब भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने एक बार फिर टीम इंडिया की कप्तानी और परफॉर्मेंस को लेकर बात की है। सौरव गांगुली ने कहा है कि बीसीसीआई कभी भी नहीं चाहता था कि विराट टेस्ट की कप्तानी छोड़ें।
सौरव ने कहा, विराट कोहली से टेस्ट फार्मेट की कप्तानी न छोडने का अनुरोध भी किया गया था। कप्तानी छोड़ने का निर्णय कोहली का ही था. जब हमने यह खबर सुनी तो हम भी हैरान रह गए. BCCI इसके लिए तैयार नहीं था. लेकिन विराट के कप्तानी छोड़ने के बाद हमें रोहित शर्मा ही बेहतर विकल्प के रूप में दिखें।
सौरव गांगुली ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल में भारत की हार पर भी बात की. उन्होंने कहा कि टीम का अप्रोच डिफेंसिव था, टीम ने रिस्क लेना उचित नहीं समझा। इस टीम को खुलकर खेलना चाहिए, जीत मिलेगी।
विराट अभी भी टीम इंडिया की कप्तानी के सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार
सौरव गांगुली ने कहा कि, "रोहित ने आईपीएल के 5 खिताब मुंबई इंडियंस को जिताए हैं. उन्होंने 2018 में भारत को एशिया कप में जीत दिलाई। रोहित को तब तक बतौर कप्तान जो भी जिम्मेदारियां मिली, वे सफल रहें। इस वजह से कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद सबसे अच्छे विकल्प रोहित ही थें. लेकिन आज भी भारतीय टीम की कप्तानी के लिए सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार विराट कोहली ही हैं. रोहित-द्रविड़ की टीम को आगे होने वाले टूर्नामेंट में ज्यादा रिस्क लेने की क्षमता दिखानी होगी.
WTC फाइनल में पहले बैटिंग करना बेहतर होता
गांगुली ने हाल ही में हुए WTC फाइनल के बारे में बात की, उन्होंने कहा कि टीम इंडिया ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में टी-20 वर्ल्ड के सेमीफइनल वाली गलती दोहराई। इस टीम में द ओवल में खेले गए खिताबी मुकाबले में रिस्क लेने की हिम्मत ही नहीं दिख सकी.
सौरव ने कहा, टीम इंडिया ने टॉस जीता और गेंदबाजी चुनी, यहीं उनका फैंसला गलत था. उन्हें पहले बैटिंग करना चाहिए था. इससे टीम की मजबूती सामने आती. 2006 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में राहुल द्रविड़ ने बतौर कप्तान एक कठिन पिच पर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था, इस मैच में भारत ने जीत दर्ज की थी.