इस पत्ते का उपयोग करते ही बदल जाएगी आपकी किस्मत, बढ़ने लगेगा पैसा, घर में पैसो की बारिश होगी
सुनने में भले ही अजीब लगे कि किसी पत्ते का प्रयोग अगर पूजा में किया जाए तो मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
सुनने में भले ही अजीब लगे कि किसी पत्ते का प्रयोग अगर पूजा में किया जाए तो मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। लेकिन यह कोई कोरी बात नहीं है। आप भी जानना चाह रहे होगे कि आखिर वाह वह कौन सा पत्ता है जो भगवान को बहुत प्रिय है। हम बात कर रहे हैं पान के पत्ते के संबंध में। पान के पत्ते से कई तरह के कार्य सिद्ध किए जा सकते हैं। देवी देवताओं में भी पूजा के समय पान की जरूरत होती है। आज हम पान के पत्ते का उपयोग कर भगवान को कैसे प्रसन्न करें इस पर चर्चा करेंगे।
गणपति की पूजा में पान का प्रयोग
कहां गया है भगवान श्री गणेश की पूजा में पान का बहुत महत्व बताया गया है। साथ ही बताया गया है कि अगर काफी प्रयास के बाद भी आपको कार्य में सफलता प्राप्त नहीं हो रही तो गणेश जी के मंदिर में जाकर पान, सुपारी तथा उसमें इलायची डालकर भगवान को अर्पण करें।
वही बताया गया है कि अगर किसी के वैवाहिक जीवन में तनाव चल रहा है। ऐसे लोगों को अपना वैवाहिक जीवन बचाने के लिए गणेश जी के पास जाकर उन्हें मीठा पान अर्पण करें। अवश्य लाभ प्राप्त होगा।
मां जगदंबा को प्रसन्न करने
अगर मां जगदंबा को प्रसन्न कर लिया जाए तो सभी मनोकामनाएं उनके आशीर्वाद से पूरी हो जाती है। इसके लिए बताया गया है कि शुक्रवार के दिन मां जगदंबा को मीठा पान अर्पित करें। यह क्रम सात शुक्रवार तक अवश्य करें।
नकारात्मक ऊर्जा के हावी होने पर
बताया गया है कि अगर किसी के ऊपर नकारात्मक ऊर्जा हावी हो जाती है तो उसे पान के पत्ते में गुलाब की 7 पंखुड़ियां मिलाकर खिला देना चाहिए । ऐसा करने पर नजर दोष समाप्त हो जाता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर जाती है।
घर में है तनाव
अगर घर में कोई व्यक्ति बीमार रहता हो, घर में तनाव रहता हो या फिर मन बेचैन रहे और काम में मन ना लगे तो पान के पत्ते को शुद्ध जल से साफ कर उसमें रोली आदि लगाकर मुख्य द्वार पर टांग दें। समय-समय पर इन पत्तों को बदलते रहे। ऐसा करने से घर का तनाव अन्य समस्याएं भी दूर होंगी।
कारोबार मे घाटा
अगर काफी प्रयास के बाद भी कारोबार में लगातार घाटा हो रहा है तो शनिवार के दिन 5 पीपल के पत्ते तथा 5 पान के डंठल वाले पत्ते लेकर धागे में माला बनाएं और ऑफिस या किसी भी कारोबार स्थल के मुख्य द्वार पर टांग दें। अगले शनिवार को उसे निकालकर जल में प्रवाहित कर दें। साथ 7 शनिवार तक करने से लाभ प्राप्त होता है।
नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।