श्रीलंका की ऐसी हालत क्यों हुई? भयंकर महंगाई और संसाधनों की कमी से क्यों जूझ रहा है श्रीलंका? आइये जानते हैं

श्रीलंका में इतनी महंगाई क्यों बढ़ गई? हालात ऐसे हो गए हैं कि बिजली कंपनियों को 13-13 घंटे सप्लाई बंद करनी पड़ रही है. लोग सड़कों में उतर आए हैं, सरकार लाठियां बरसा रही है

Update: 2022-04-01 07:25 GMT

श्रीलंका में क्या हो रहा है: भारत के दक्षिण में बसा छोटा सा देश श्रीलंका बड़ी महंगाई का सामना कर रहा है. दूध, चावल, दाल, आटा, शक्कर, पेट्रोल, डीज़ल और ज़रूरत का हर सामान इतना महंगा हो गया है कि धनवान व्यक्ति को भी इन चीज़ों को खरीदने में 100 बार सोचना पड़ रहा है। मिडल क्लास और गरीब लोग तो श्रीलंका छोड़कर भाग रहे हैं. अब तो हालात ऐसे हैं कि बिजली कंपनियां 13-13 घंटों के लिए सप्लाई बंद कर रही हैं. जनता सड़क में उतर गई है और विरोध करने वालों पर सरकारी जुल्म हो रहा है। 


आखिर श्रीलंका की ऐसी हालत क्यों हुई? श्रीलंका में अचानक से महंगाई इतनी कैसे बढ़ गई? ऐसा क्या हुआ कि श्रीलंका इतनी बड़ी विपत्ति से जूझ रहा है? इस तमाम सवालों के जवाब पता करते हैं 

श्रीलंका में भयंकर महंगाई 


श्रीलंका देश और वहां के देशवासी महंगाई से जूझ रहे हैं. इतनी भयंकर महंगाई कि 400 ग्राम दूध का रेट 750 रुपए है, चावल 500 रुपए किलो, और शक्कर 250 रुपए किलो बिक रही है. आटा, ब्रेड, तेल, ईंधन सभी उत्पादों के दाम 10 गुना से ज़्यादा बढ़ गए हैं. लोग गरीब से भी गरीब होते जा रहे हैं. श्रीलंकाई रुपया की वेल्यू बहुत ज़्यादा गिर गई है। 

ऐसे हालातों के बीच श्रीलंकाई नागरिक सरकार के खिलाफ सड़क में उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं.  को स्टेट पावर मोनोपोली ने 13 घण्टे के लिए बिजली कटौती शुरू कर दी है। क्योंकी जनरेटर के लिए डीज़ल नहीं बचा है. मंत्रियों का कहना है कि बिजली बचाने के लिए सरकार ने देश भर की स्ट्रीट लाइट बंद करने के निर्देश दिए हैं. 

हज़ारों नागरिक इस आर्थिक विपत्ति के खिलाफ आवाज उठाने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाभया राजपक्षे के निवास के बाहर खूब प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसके बाद वहां की पुलिस ने लोगों पर हमला भी किया। जिसमे दर्जनों लोग घायल हो गए. 

श्रीलंका में आर्थिक तंगी क्यों हुई 


देश में ईंधन और गैस की भारी कमी हो गई है. क्योंकी श्रीलंकाई सरकार के पास ईंधन खरीदने के लिए पैसे ही नहीं बचे हैं. एजुकेशन बोर्ड के पास कागज और स्याही तक नहीं है, जिसके बाद यहां एग्जाम ही टाल दिए गए.. श्रीलंका में डीज़ल ख़त्म हो गया है. परिवहन बंद हो गया. 

  • एक महीने के अंदर श्रीलंका की मुद्रा की वेल्यू 45% तक गिर गई है और लगातार गिर रही है 
  • 292.50 श्रीलंकाई रुपया मतलब 1 डॉलर हो गया है 
  • 70% से ज़्यादा विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो गया है 
  • 17.5% महंगाई दर के साथ यह एशिया का सबसे महंगाई वाला देश बन गया है 
  • 5 लाख से ज़्यादा लोग गरीबी में फंस गए हैं. 
  • देश के 2.2 करोड़ लोगों को लम्बे समय से बिल्जी संकट का सामना करना पड़ रहा है 

श्रीलंका पर कितना कर्ज है 


श्रीलंका पर दूसरे देशों का 51 अरब डॉलर का कर्ज है, देश में विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 2.26 अरब डॉलर रह गया है. बीते 12 महीने में श्रीलंका ने 7.3 अरब डॉलर का कर्ज लिया है. श्रीलंका चीन का सबसे बड़ा कर्जदार बन गया है. चीन ने इसी साल श्रीलंका को अलग से 5 अरब डॉलर का कर्ज दिया है. और पिछले साल भी चीन ने 1 अरब डॉलर कर्ज के रूप में दिए थे 

श्रीलंका पर 51 अरब डॉलर का कर्ज है और उसके पास सिर्फ 2.26 अरब डॉलर बचे हैं. भारत ने मानवता के नाते श्रीलंका को मदद के लिए 90 करोड़ डॉलर दिए हैं लेकिन इससे कर्ज नहीं चुकाया जा सकता। 

कर्जदार क्यों हुआ श्रीलंका 

अबतक श्रीलंका एक बढ़िया देश था, वहां रहने वाले लोग खुश थे. लेकिन अचानक से ऐसा क्या हुआ कि श्रीलंका इतना बड़ा कर्जदार बन गया. असल में इसकी वजह कोरोना है. श्रीलंका की इकोनॉमी का प्रमुख श्रोत वहां का टूरिज्म है. कोरोना के कारण 2 साल से यहां पर्यटन बहुत कम हो गया. पर्यटन कमजोर होने से विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो गया. सिर्फ टूरिज्म से श्रीलंका की GDP का 10% योगदान रहता है। हर साल देश को पर्यटन ने 5 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा से इनकम होती थी. जो बंद हो गई.  



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