What Is Green Hydrogen: ग्रीन हाइड्रोजन क्या है? जिसे लेकर अडानी और अंबानी में रेस शुरू हो गई है

Green Hydrogen Kya Hai: भारत के दोनों सबसे अमीर कारोबारी ग्रीन हाइड्रोजन में बड़ा निवेश करने वाले हैं

Update: 2022-09-10 10:04 GMT

Green Hydrogen Kya Hota Hai: भारत के दो सबसे बड़े अमीर कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) और मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रेस शुरू हो गई है. दोनों अरबपति ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) में बहुत बड़ा निवेश करने वाले हैं. अडानी ग्रुप (Adani Group) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने ग्रीन हाइड्रोजन में अरबो रुपए का इन्वेस्टमेंट करने का एलान किया है. 

अडानी समूह के संस्थापक गौतम अडानी ने कहा कि- उनकी कंपनी भारत में तीन गीगाफैक्ट्री स्थापित करने वाली है. जो सोलर मॉड्यूल, विंड टर्बाइन और हाइड्रोजन एलेक्ट्रोलाइज़र बनाएगी। अडानी ग्रुप का कहना है कि ग्रीन एनर्जी के लिए उन्होंने फ़्रांस की कंपनी Total Energies से साथ साझेदारी की है. अडानी इसमें 70 बिलियन डॉलर मतलब 5.6 लाख करोड़ रुपए इन्वेस्ट करेंगे 

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने घोषणा की है कि वह केलिफोर्निया में सौर ऊर्जा सॉफ्टवेयर डेवलपर SenseHawk की पार्टनरशिप खरीद रहे हैं और अक्षय ऊर्जा के साथ ग्रीन एनर्जी सेक्टर में वह निवेश करने वाले हैं. मुकेश अंबानी इस प्रोजेक्ट में 10 बिलियन डॉलर मतलब 80 हज़ार करोड़ इन्वेस्ट करेंगे 

ग्रीन हाइड्रोजन क्या है 

What Is Green Hydrogen In Hindi: ग्रीन हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है, वर्तमान में भी इसका इस्तेमाल होता है मगर कुछ सालों बाद आपके या आपके बच्चों के पास ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ी होगी और पेट्रोल-डीजल इंजन वाली गाड़ियां विलुप्त होने की कगार पर आ जाएंगी। Green Hydrogen को सबसे अच्छा और स्वच्छ ईंधन माना जाता है. इसके इस्तेमाल से 0% कार्बन उत्सर्जन होता है जो पर्यावरण के लिए अच्छा है. 

ग्रीन हाइड्रोजन कैसे बनता है 

How Green Hydrogen Is Made: पानी के इलेक्ट्रोलिसिस (Electrolysis of water) के दौरान जो हाइड्रोजन गैस निकलती है, उसे ही ग्रीन हाइड्रोजन कहते हैं.. इलेक्ट्रोलिसिस ((Electrolysis) या इलेक्ट्रिक करेंट के जरिये पानी में से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग कर दिया जाता है. ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में भी अक्षय उर्जा (Solar या Wind) का इस्तेमाल किया जाता है. इस तरह ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन में कोई ग्रीनहाउस गैस (Green House) नहीं निकलती। 

भारत में ग्रीन हाइड्रोजन का भविष्य क्या है 

Future Of Green Hydrogen In India: अंतरराष्ट्रीय अक्षय उर्जा एजेंसी (IRENA)के आंकड़ों के अनुसार, साल 2050 तक टोटल एनर्जी में 12 फीसदी हिस्सेदारी ग्रीन हाइड्रोजन की होगी. अभी ग्रीन हाइड्रोजन वाली कार चलाना आम आदमी के बस में नहीं है,  लेकिन जब इसका प्रोडक्शन बढ़ेगा तो इसकी कीमत कम होगी। अभी ग्रीन हाइड्रोजन की कीमत 2 डॉलर प्रति किलो है मतलब 160 रुपए किलो जो पेट्रोल और डीजल से महंगा है. 

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