ऐसे पहने लोहे की अंगूठी, चमक जाएंगी क़िस्मत, पैसों से भरी रहेगी जेब, हर जगह होगी आपकी प्रापर्टी, जानिए!
अगर किसी की कुंडली में शनि ढैय्या, साढ़ेसाती या फिर महादशा चल रही हो तो ऐसे लोगों को लोहे की अंगूठी धारण करना चाहिए।
अगर किसी की कुंडली में शनि ढैय्या, साढ़ेसाती या फिर महादशा चल रही हो तो ऐसे लोगों को लोहे की अंगूठी धारण करना चाहिए। वहीं बताया गया है कि लोहे की अंगूठी धारण करने से और भी कई तरह की संकटों का निवारण होता है। लौह ऐसी धातु है इसे धारण करने पर शनिदेव शांत होते हैं। वही कहा जाता है कि लोहे की अंगूठी धारण करने वाले पर शनि देव अपना कोप नहीं करते। वही कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति लोहे की अंगूठी धारण किए रहता है तो भूत प्रेत उसे नहीं छू पाते। लोहे की अंगूठी पहनने का कुछ विशेष नियम और तरीके बताए गए हैं।
घोड़े की नाल का पहने छल्ला
घोड़े की नाल लोहे की बनी होती है। इस नाल का छल्ला बनवा कर अगर पहना जाए तो शनि से संबंधित सभी प्रकार की बाधाएं दूर होते हैं। साथ ही बताया गया है कि अगर काले घोड़े की नाल की अंगूठी बनवा कर पहना जाए तो इससे और भी लाभ प्राप्त होता है।
किस हाथ में पहने लोहे की अंगूठी
बताया गया है कि हमारी हथेली में मध्यमा उंगली के नीचे शनि पर्वत होता है। यह भगवान शनिदेव का स्थान कहलाता है। शनिदेव की शांति के लिए घोड़े के नाल की अंगूठी मध्यमा उंगली पर धारण करना चाहिए। इस घोड़े की नाल को धारण करने से शनिदेव तो शांत होते ही हैं साथ में जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
नक्षत्र का रखें ध्यान
घोड़े की नाल की बनी अंगूठी धारण करने के लिए विशेष नक्षत्र और दिन बताए गए हैं। कहा गया है शनिवार की शाम को अगर इस छल्ले को धारण किया जाए तो बहुत फलदाई हो जाता है। वही इसे पुष्य, अनुराधा, उत्तरा, भाद्रपद और रोहिणी नक्षत्र में धारण करना सर्वोत्तम बताया गया है। वही कहा गया है कि जिन की कुंडली में शनि की स्थिति अच्छी है वह लोहे की अंगूठी धारण न करें।
नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।