रोडपति से करोड़पति बना देता है ये रत्न, सिर्फ 48 घंटे में देता है परिणाम, ऐशो आराम से बीतती है जिंदगी, हर जगह होती है पैसो की बारिश, जानिए
नीलम रत्न 48 घंटे में दिखाता है अपना असर.
रत्न ज्योतिष। अगर किसी व्यक्ति की कुडंली में कोई ग्रह कंमजोर है तो रत्न ज्योतिष उसे बलवान बनाने के लिए खास रत्न पहनने की सलाह देते है। वजह यह है कि सभी 9 ग्रहों का किसी न किसी रत्न से विशेष संबंध होता है।
नीलम रत्न का 48 घंटे में होता है असर
9 रत्नों में से एक है नीलम रत्न। रत्न ज्योतिष विद्र के अनुसार यह ऐसा रत्न है जिसका असर 48 घंटे में ही समझ में आने लगता है। वहीं जिन जातकों पर यह रत्न कारगर नहीं होता है उन्हें इसका बुरा परिणाम फौरन ही देखने को मिलने लगता है। इसलिए नीलम रत्न को धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह अवश्य लेना चाहिए। बताते है कि नीलम रत्न का सबंध आपकी कुंडली में मौजूद ग्रहों की दशा पर निर्भर करता है।
नीले रंग का होता है नीलम रत्न
वैदिक ज्योतिषशास्त्र के अनुसार नीलम रत्न का संबंध शनि ग्रह से होता है। यह नीले रंग का होता है। जिस प्रकार किसी जातक की कुंडली में अगर शनि शुभ भाव में होते है वे उस व्यक्ति के जीवन में सभी प्रकार के सुख, सुविधा और ऐशोआराम को भर देते हैं। जब भी नीलम रत्न धारण करें तो इस बात का ध्यान रखें कि नीलम हमेशा उत्तम क्वालिटी का होना चाहिए।
असली नीलम रत्न की पहचान गहरा नीला रंग, पारदर्शी, छुने में मुलायम और इसके अंदर देखने पर इसमें किरणें निकलती हुए प्रतीत होती है। असली नीलम की पहचान करने के लिए इस तरह के तरीके भी कारगार माने गए है। अगर नीलम असली है तो इसे दूध की कटोरी में थोड़ी देर तक रखने पर दूध का रंग नीला दिखाई देने लगता है। वहीं अगर नीलम रत्न को पानी के गिलास में डालने पर पानी से किरणें दिखाई दें तो यह असली नीलम की पहचान होती है। असली नीलम में दो परत एक-दूसरे के सामान्तर दिखाई पड़ती है।
ऐसी स्थित में पहने नीलम रत्न
नीलम रत्न का संबंध शनि ग्रह से होता है। जब किसी की कुंडली में शनि की महादशा विपरीत होती है तब नीलम रत्न पहना जा सकता है। मेष, वृषभ, तुला और वृश्चिक राशि के जातकों पर नीलम रत्न का अच्छा और शुभ प्रभाव रहता है। वहीं जातक की कुंडली में अगर शनि चौथे, पांचवें, दसवें और ग्यारहवें भाव में हो तो नीलम रत्न धारण करने पर बहुत लाभ मिलता है। इसके अलावा जब शनि छठें और आठवें भाव के स्वामी के साथ बैठें हो तो नीलम रत्न धारण करना शुभ माना जाता है। वहीं इस बात का ध्यान रहे जब कुंडली में शनि अशुभ हो तो नीलम नहीं पहनना चाहिए।
पहनने से पहले करे यह प्रयोग
बताते है कि नीलम रत्न को धारण करने से पहले एक छोटा सा प्रयोग करना चाहिए। नीलम रत्न पहने से पहले आप उस नीलम को कपड़े में लपेट कर एक सप्ताह के लिए अपने तकिए के नीचे रखें। अगर आपको अच्छी नींद आएं तो समझे कि आपके लिए नीलम पहनना शुभ रहेगा, वहीं सोते समय बुरे सपने दिखाई पड़े तो समझना चाहिए कि यह आपके लिए शुभ नहीं है।
जब भी नीलम रत्न धारण करें, उससे पहले उसको घर पर लाने के बाद गंगाजल से भरे किसी पात्र में रख दें। फिर शनिवार के दिन अपनी बीच वाली उंगली में इसे धारण करें।
इस तरह के काम का करे त्याग
नीलम रत्न शनि का रत्न होता है। शनिदेव न्याय और कर्म के देवता माने जाता है। ऐसे में नीलम रत्न धारण करने पर व्यक्ति को हिंसा नहीं करनी चाहिए। गरीबों को बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए। नीलम रत्न धारण करने से बाद दान जरूर करें। शनिवार के दिन मांस और मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए। नीलम रत्न पहनने के बाद किसी भी तरह के गलत कार्यों में लिप्त नहीं रहना चाहिए।
नोट- यह दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। रीवा रियासत न्यूज इसकी पुष्टि नही करता है। जानकारों से सलाह भी ले।