यह Black Chicken सोना उगलती है, जानिए कैसे?
यह Black Chicken सोना उगलती है! This Black Chicken spits gold
जिस कड़कनाथ को अभी तक लोग मुर्गी और मुर्गा कहा करते थे। लेकिन अब इसी कड़कनाथ को काला सोना कहने लगे। कड़कनाथ की बाजार में बढ़ती डिमांड और मिल रही मुंह मांगी कीमत की वजह से यह काला सोना कहलाने लगा। कड़कनाथ को पालने वाले लोग आज मालामाल हो रहे हैं। झाबुआ के लोगों की स्थिति ही बदल गई। वही कड़कनाथ की वहज से मध्य प्रदेश के झाबुआ को देश के लोगों के साथ ही विदेशों में भी जानने लगे है। तभी तो देश के बड़े-बड़े पोल्ट्री फार्मो में कड़कनाथ का पालन हो रहा है। आइए जाने कड़कनाथ पालन से जुड़े हुए सभी जानकारी। जिसे आप भी आसानी से शुरू कर सकते हैं।
कड़कनाथ क्यों है खास
कड़कनाथ मुर्गे के संबंध में बताया गया है कि यह बहुत ही खास किस्म की मुर्गियों की प्रजाति है। कड़कनाथ मुर्गे का मांस, खून, चोंच, अंडा, शरीर सब कुछ काला होता है। इसके खास होने का मुख्य यह है की इसके मांस में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। फैट की मात्रा कम होती है। इसके अलावा इसमें विटामिन ए, विटामिन बी2, बी6, बी12, विटामिन सी, विटामिन ई, कैल्शियम, फास्फोरस और हीमोग्लोबिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
कड़कनाथ मुर्गे की मांग बहुत ज्यादा है। ऊपर बताई गई खासियत इसकी मुख्य वजह है। कड़कनाथ मुर्गा का मांस 600 से लेकर 900 रुपए प्रति किलो बिकता है। एक मुर्गे को तैयार करने में करीबन 200 रूपया खर्च आता है।
ऐसे करें शुरुआत
अगर आप कड़कनाथ मुर्गी पालन का कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो इसके लिए बहुत ज्यादा पूंजी की आवश्यकता नहीं होती। कम से कम 50 हजार रुपए में शुरू किया जा सकता है। इतनी ज्यादा जगह की जरूरत ही नहीं है। इतना जरूर है कि पोल्ट्री फार्म के शेड में बिजली पानी की व्यवस्था होना आवश्यक है।
सरकार कर रही सहयोग
कड़कनाथ मुर्गा पालन को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश सरकार आर्थिक सहयोग करती है। जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार 40 चूजों को पालने के लिए 4400 रुपए का अनुदान कड़कनाथ पलकों को दे रही है। इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए भारतीय पक्षी अनुसंधान केंद्र बरेली में प्रशिक्षण दिया जाता है।