HDFC, UBI समेत इन प्राइवेट और सरकारी बैंकों ने सस्ते किए Loan, जानिए नई ब्याज दरें
RBI (Reserve Bank of India) ने लॉकडाउन के दौरान ग्राहकों को बड़ी रहते दी हैं। अब HDFC, UBI, BoB समेत कई प्राइवेट और सरकारी बैंकों ने भी राहत
RBI (Reserve Bank of India) ने लॉकडाउन के दौरान ग्राहकों को बड़ी रहते दी हैं। अब HDFC, UBI, BoB समेत कई प्राइवेट और सरकारी बैंकों ने भी राहत देने की तरफ कदम बढ़ाया है। इधर, बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) और यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया (Union Bank of India) ने एमसीएलआर (MCLR) में कटौती की है। इससे ब्याज दरें सस्ती होंगी, जिसका सीधा लाभ ग्राहकों को मिल सकेगा। Bank of Baroda 0.15 फीसदी और Union Bank of India (UBI) ने 0.10 फीसदी की कमी की है।
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वहीं राहत देने के लिए HDFC (Housing Development Finance Corporation) Bank भी आगे आया है। HDFC बैंक ने भी एमसीएलआर में 0.20 फीसदी की कटौती की है। Union Bank Of India (UBI) की नई ब्याज दरें गुरुवार, जबकि Bank of Baroda की नई दरें शुक्रवार से प्रभाव में आएंगी। इस कटौती के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा की सालाना एमसीएलआर 7.65 फीसदी और छमाही 7.50 फीसदी रह गए हैं।
इसी तरह Union Bank of India की सालाना एमसीएलआर 7.70 से घटकर 7.60 परसेंट रह जाएगी। इससे पहले देश के सबसे बड़े कर्जदाता SBI ने एमसीएलआर में 0.25 परसेंट कटौती करने की घोषणा की थी, जो बुधवार से लागू हो चुकी है।
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Bank Of Mahatashtra का कर्ज भी होगा सस्ता
इसके अलावा बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank Of Mahatashtra) ने भी एमसीएलआर में 0.5 फीसदी की कमी करने की बात कही है। पिछले सप्ताह पंजाब नेशनल बैंक भी इन ब्याज दरों में 0.15 फीसदी की कटौती कर चुका है। गौरतलब है कि इन बैंकों का ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो रेट में 0.40 फीसदी कटौती की घोषणा के बाद आया है। इसके अलावा अधिकांश बैंकों ने रेपो रेट आधारित ब्याज दरों में 40 आधार अंकों तक की कटौती की है।
निजी बैंकों पर घटा लोगों का भरोसा
कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान लोगों ने सरकारी बैंकों की अपेक्षा निजी बैंकों पर कम भरोसा दिखाया है। एक सर्वे से पता चला है कि इस दौरान ग्राहकों ने अपने पैसे की सुरक्षा और बेहतर रिटर्न पाने के लिए सरकारी बैंकों पर अधिक भरोसा दिखाया है। सर्वे के मुताबिक शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के ग्राहकों ने अपनी गाढ़ी कमाई को सुरक्षित रखने के लिए सरकारी बैंकों को प्राथमिकता दी।