फिर गड़बड़ होने वाला है रसोई का बजट, इंडोनेशिया ने लगाया निर्यात पर प्रतिबंध, महंगा होगा पाम आयल

इंडोनेशिया के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा से भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में खाद्य तेल की कीमतों में तेजी आ गई है।

Update: 2022-04-29 10:45 GMT

इंडोनेशिया के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा से भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में खाद्य तेल की कीमतों में तेजी आ गई है।भारत पर भी इसका असर पड़ना निश्चित है। वायदा कारोबार इंडोनेशिया के निर्यात पर प्रतिबंध लगते ही पाम आयल 6 फ़ीसदी महंगा हो गया है। इस खबर के बाद सभी को लगने लगा है कि रसोई का बजट एक बार फिर गड़बड़ होने वाला है। महंगे दाम पर खाद्य तेल खरीदना सबकी मजबूरी बनती जा रही है। आपको बता दें कि देश में खपत होने वाला पाम आयल का 60 प्रतिशत हिस्सा भारत इंडोनेशिया से आयात करता है।

फसलों का खराब होना मुख्य वजह

जानकारी के अनुसार पाम आयल सहित अन्य खाद्य तेल भारत विदेशों से खरीदता है। लेकिन विदेशों में फसल खराब होने की वजह से कई देशों ने निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। जानकारी के अनुसार भारत सोया तेल अर्जेंटीना से मगाता था। लेकिन अर्जेंटीना में फसल खराब होने की वजह से निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि कुछ दिनों से यह प्रतिबंध खोला गया है।

इसी तरह बताया जाता है कि कनाडा और यूरोप में कैनोला फसल खराब होने से काफी नुकसान हुआ है। वही रूस और यूक्रेन में चल रहे युद्ध की वजह से सूरजमुखी के तेल का आयात नहीं हो पा रहा है।

पाम आयल बना मजबूरी

पाम आयल खरीदना देश के लोगों के लिए मजबूरी बना हुआ है। पाम आयल सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल से काफी सस्ता है। इसलिए इसे दुनिया में सबसे ज्यादा खरीदा जाता है। इंडोनेशिया से पाम आयल की सप्लाई बहुतायत में की जाती है। भारत ही नहीं विश्व के तमाम देश पाम आयल का उपयोग कर रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक विश्व में कुल खाद्य तेल का 40 प्रतिशत पाम आयल उपयोग किया जाता है।

बड़ी हुई है मांग

बाजार के जानकार बताते हैं कि मार्च 2022 मैं खाद्य तेलों के आयात में 13 फ़ीसदी का उछाल आया था। आंकड़े बताते हैं कि मार्च 2022 में करीबन 1104570 टन खाद्य तेल का आयात किया गया। जबकि पिछले वर्ष मार्च 2021 में यह आंकड़ा 980243 टन था। एक और मांग बढ़ रही है तो वहीं दूसरी ओर देश में न तो उत्पादन बढ़ पा रहा है और न ही आयात बढ़ रहा है।

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