इस रत्न को धारण करने पर निखरती है प्रतिभा, बलवान होता है सूर्य

यह बात आमतौर पर लोगों को पता है कि रत्न धारण करने से ग्रह दशा मजबूत होती है। क्योंकि रत्नों का सम्बंध ग्रहों से होता है।

Update: 2022-02-07 10:57 GMT

यह बात आमतौर पर लोगों को पता है कि रत्न धारण करने से ग्रह दशा मजबूत होती है। क्योंकि रत्नों का सम्बंध ग्रहों से होता है। लेकिन रत्न धारण करने के पहले यह निश्चित करना होता है कि हमारा कौन सा ग्रह कमजोर है। उस ग्रह के हिसाब से रत्न धारण करना चाहिए। रत्न धारण करने से लोगों को बहुत लाभ मिलता है। तभी ते आपने देखा होगा कि लोग हाथों में कई अलग-अलग रत्नों की अंगूठी धारण किये रहते हैं। आज हम सूर्य ग्रह को मजबूत करने वाले माणिक रत्न धारण करने के लिए बताएंगें।

किसे पहनना चाहिए मणिक

  • माणिक रत्न के सम्बंध में कहा गया है कि यह सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है। जिसकी कुंडली में सूर्य कमजोर हो उसे मणिक रत्न धारण करना   उत्तम बताया गया है। यह एक उर्जावान रत्न है। यह सूर्य को मजबूत करता है।
  • माणिक रत्न उसे धारण करना चाहिए जिसकी कुडली में सूर्य ग्रह शुभकारक हो।
  • मेष, सिंह वश्चिक तथा धनु लग्न के लोगों को माणिक रत्न धारण करना शुभ बताया गया है।
  • वहीं कहा गया है कि मीन मकर कन्या लग्न के लोगों को माणिक धारण नहीं करना चाहिए।

माणिक पहने का लाभ

  • माणिक रत्न धारण करने के सम्बंध में बताया इसे धारण करने से आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • व्यक्ति की सोच पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • समाज में मान प्रतिष्ठा, यश और प्रसिद्धि बढ़ती है।
  • माणिक रत्न धारण करने से व्यक्ति की दबी हुई प्रतिभाएं उभरकर सामने आती हैं। जिससे वह खास क्षेत्र में सफल इंसान बन पाता है।
  • माणिक धारण करने से आंख, ह्दय, तथा हड्डियों जुडे हुए रोग दूर हो जाते हैं।

ऐसे करें धारण

  • माणिक रत्न को तांबे या फिर सोन की अंगूठी में बनवा कर धारण रकना चाहिए। माणिक को अनामिका उंगली में रविवार के दिन पहनना   चाहिए।
  • वहीं अगर माणिक को गले में पहनना है तो इसे लाल धागें में रविवार के दिन पहने।
  • पहनने के पूर्व गाय के दूध या फिर गंगाजल में अभिषेक करें। इसके बाद धूप दीप करें और पूर्व की ओर मुह कर सूर्य के देव का स्मरण करते   हुए रत्न धारण करें।

नोट-ः उक्त समाचार में दी गई जानकारी सूचना मात्र है। रीवा रियासत समाचार इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ऐसे में किसी कार्य को शुरू करने के पूर्व विशेषज्ञ से जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।

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