Target Maturity Fund: क्या है टारगेट मैच्योरिटी फंड, क्यों इनवेस्टर्स इसकी तरफ बढ़ा रहे हैं अपना इंटरेस्ट?
Target Maturity Fund: फाइनेंशियल प्लानिंग करने वाले विशेषज्ञ निवेशकों को टैक्स बेनिफिट का लाभ उठाने के लिए इस सेगमेंट में निवेश करने की सलाह दे रहे हैं।
Target Maturity Fund: वर्ष 2019 में भारत सरकार की तरफ से भारत बॉन्ड ईटीएफ (Bharat Bond ETF) जारी किया गया जिसके पास से टारगेट में छोटे फंड में निवेशक निवेश बढ़ा रहे हैं। देश के पहले टारगेट मैच्योरिटी फंड (Target Maturity) का प्रबंधन कर रहा है एडलवाइज म्युचुअल फंड (Edelweiss Mutual Fund)। टारगेट में चोटी फंड की एक मैच्योरिटी डेट होती है कि वह डेट है जब स्कीम पोर्टफोलियो निवेश (Scheme Portfolio Investment) में क्यों हो जाता है। इस निवेश के अंतर्गत जल्द ही निकासी की सुविधा भी मिल जाती है आपको बता दें कि टारगेट में छोटी फंड में जब होल्डिंग पीरियड होता है उस दौरान जो भी ब्याज मिलता है उसका दोबारा से Investment कर दिया जाता है।
निवेश को करना होगा लंबी अवधि तक
वैसे तो कोई भी निवेशक मैच्योरिटी से पूर्व भी अपनी राशि निकाल सकता है लेकिन हाई रिटर्न प्राप्त करने के लिए इन्वेस्टर्स को इसमें मैच्योरिटी होने तक बना रहना चाहिए। इससे ब्याज दरें तो बढ़ती है इसके साथ-साथ इन्वेस्टर्स को अपना निवेश high-yield पर लॉगइन करने का चांस भी मिलता है।
Passively Managed Target Fund की तरफ निवेशक बढ़ा रहे हैं अपना रुझान
विश्लेषकों की मानें तो फ्रेंकलिन टेंपलटन संकट के बाद से पैसिवली मैनेज्ड टारगेट फंड की तरफ निवेशक अपना रुझान बढ़ा रहे हैं। फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planing) करने वाले विशेषज्ञ निवेशकों को टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit) का लाभ उठाने के लिए इस सेगमेंट में निवेश करने की सलाह दे रहे हैं। आपको बता दें पैसिवली मैनेज्ड टारगेट फंड में अधिकतम यील्ड की भी संभावना रहती है। 2026 और 2027 के मैच्योरिटी टारगेट फंडों (Maturity Target Funds) की यील्ड है क्रमशः 7.48 और 7.55।
यही कारण है कि आज कल टारगेट मैच्योरिटी फंड की तरफ निवेशक अपना रुझान ज्यादा बढ़ा रहे हैं।