Business Idea: इस बिज़नेस को शुरू कर करें मोटी कमाई, इस समय है बंपर डिमांड!
कूरियर सर्विस बिज़नेस (courier service business) शुरू कर आप भी अच्छी कमाई कर सकते हैं।
अगर आप अच्छा खासा मुनाफा कमाना चाहते हैं और ऐसे बिजनेस की तलाश में है तो आज हम आपको इस आर्टिकल में कैसे बिजनेस के बारे में बताऊंगा जहां आप महीने में अच्छा-खासा पैसा कमा सकते हैं उस बिजनेस का नाम है कूरियर सर्विस (Courier Service Business) आज की तारीख में भारत में ऐसा बिजनेस है जिसकी काफी डिमांड है क्योंकि लोग ऑनलाइन चीजें बहुत अधिक मात्रा में खरीद रहे हैं।
ऐसे में ऑनलाइन चीजों को कस्टमर के पास पहुंचाने के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियां इन कूरियर सर्विस कंपनियों को हायर करती हैं ताकि उनका प्रोडक्ट उनके पास आसानी से पहुंच सके अगर आप भी इस बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं लेकिन उसे शुरू करने के लिए कौन-कौन सी चीजें की आवश्यकता होगी, निवेश कितना करना होगा अगर आप सब कुछ जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को आखिर तक पढ़ें-
बिजनेस सेगमेंट तय करें
कूरियर बिजनेस शुरू करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि किस तरह का पार्सल उसी दिन या अगले कितने दिन में डिलीवर करना है। पार्सल में दस्तावेज, सामान, उत्पाद, खाद्य वस्तुएं आदि आदि हो सकते हैं।
निवेश कितना करना पड़ेगा (Investment to start courier service)
कंपनी शुरू करने या नेटवर्क बनाने के लिए आपको फंड की जरूरत होगी। पैसा या आपके पास हो या फिर आपको फाइनेंसर्स से जुटाना होगा। इसके लिए आप चाहे तो बैंक से भी लोन ले सकते हैं जहां आपको आसानी से इस प्रकार के बिजनेस को शुरू करने के लिए लोन लोन मिल जाएगा I
ट्रांसपोर्ट चाहिए होगा
कोरियर सर्विस का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको ट्रांसपोर्ट की भी आवश्यकता होगी उसके लिए आप विभिन्न प्रकार के गाड़ियों का इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे- कार्गो वैन, लॉरी, छोटे ट्रक, बाइक या टेम्पो शामिल हैं।
पार्सल को पैक करने और ले जाने के लिए, कुछ आवश्यक उपकरणों की आवश्यकता होती है जैसे विभिन्न प्रकार के कार्टन, बॉक्स, डॉली, हैंड ट्रक, टेप, कार्गो स्ट्रैप, मूविंग ब्लेंकेट और बेहतर कनेक्टिविटी के लिए जीपीएस डिवाइस के साथ स्मार्ट फ़ोन की जरूरत होगी।
कंपनी को कराएं रजिस्टर
अगला जरूरी काम होगा आपने कंपनी का नाम रखना है जिसे कंपनी के अधिनियम 2013 के तहत रजिस्टर करने की जरूरी है। कूरियर बिजनेस (courier business) को सोल प्रोप्राइटरशिप, साझेदारी फर्म, प्राइवेट लिमिटेड या पब्लिक लिमिटेड कंपनी आदि के रूप में पंजीकृत किया जा सकता है। साथ ही जीएसटी सर्विस टैक्स रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा।