देश की टॉप 10 कंपनियों में से 8 को झटका: रिलायंस का मार्केट कैप 33,931 करोड़ रुपये घटा, हिंदुस्तान यूनिलीवर को मुनाफा; जानिए बाकी के हाल...

पिछले हफ्ते भारत की टॉप-10 कंपनियों में से 8 की मार्केट वैल्यू में ₹1.66 लाख करोड़ की कमी आई। रिलायंस इंडस्ट्रीज की वैल्यू में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई, जबकि हिंदुस्तान यूनिलीवर की वैल्यू में वृद्धि दर्ज की गई। जानें मार्केट कैपिटलाइजेशन के उतार-चढ़ाव का असर।

Update: 2024-08-12 05:39 GMT

बीते हफ्ते मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर देश की टॉप-10 कंपनियों में से 8 की कुल वैल्यू में ₹1.66 लाख करोड़ की गिरावट दर्ज की गई। इसमें सबसे बड़ा नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ, जिसकी वैल्यूएशन ₹33,930.56 करोड़ कम हो गई। इस गिरावट के साथ रिलायंस का मार्केट कैप ₹19.95 लाख करोड़ पर आ गया, जबकि पहले यह ₹20.29 लाख करोड़ था।

हिंदुस्तान यूनिलीवर और ITC की वैल्यू बढ़ी

इसके विपरीत, हिंदुस्तान यूनिलीवर और ITC लिमिटेड की वैल्यू में बढ़ोतरी देखी गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर का मार्केट कैप ₹12,946.24 करोड़ बढ़कर ₹6.46 लाख करोड़ हो गया, जबकि ITC की वैल्यूएशन ₹8,406 करोड़ बढ़कर ₹6.20 लाख करोड़ हो गई।

बाजार में गिरावट का प्रभाव

बीते हफ्ते के कारोबार में, सेंसेक्स में कुल 1,276 अंक (1.57%) की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि, हफ्ते के आखिरी दिन, 9 अगस्त को, बाजार में थोड़ी तेजी देखी गई, जहां सेंसेक्स 819 अंक की बढ़त के साथ 79,705 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी 250 अंक की बढ़त के साथ 24,367 के स्तर पर बंद हुआ।

मार्केट कैपिटलाइजेशन: क्या और कैसे?

मार्केट कैपिटलाइजेशन किसी भी कंपनी के सभी आउटस्टैंडिंग शेयरों की कुल वैल्यू को दर्शाता है। यह कैलकुलेशन कंपनी के जारी किए गए शेयरों की संख्या को उसके स्टॉक की कीमत से गुणा करके निकाला जाता है। मार्केट कैप का उपयोग निवेशकों को कंपनी के आकार और रिस्क प्रोफाइल को समझने में मदद करता है, जिससे वे बेहतर निर्णय ले सकें।

मार्केट कैप का महत्व

मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर कंपनियों को लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में वर्गीकृत किया जाता है। इसका सीधा संबंध कंपनी की पब्लिक परसेप्शन और स्टॉक की डिमांड-सप्लाई से होता है। कंपनी के शेयर का भाव बढ़ने से मार्केट कैप बढ़ता है और घटने से कम होता है।

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