Share Market News: आखिर भारतीय शेयर बाजारों में क्यों हो रही है बिकवाली? डरे हुए हैं निवेशक

अप्रैल 2022 तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक सात माह बिकवाल रहे, निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 1.65 लाख करोड़ रुपए की निकासी की।

Update: 2022-05-17 05:55 GMT

Share Market News: FPI ने मई के पहले पखवाड़े में भारतीय स्टॉक मार्केट में 25,200 करोड़ रुपए की निकासी की है। कोविड-19 के बढ़ते मामले और वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बीच विदेशी निवेशक लगातार भारतीय शेयरो से अपना निवेश निकाल रहे हैं। अप्रैल 2022 तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक सात माह बिकवाल रहे, निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार से 1.65 लाख करोड़ रुपए की निकासी की।

क्या कहना है एक्सपर्ट का

श्रीकांत चौहान (Shrikant Chauhan), जो कि कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख (Head of Equity Research, Kotak Securities) हैं, के अनुसार ऊंची मुद्रास्फीति, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों, सख्त मौद्रिक रुख का असर शेयर बाजारों पर साफ साफ दिखाई पड़ रहा है। और हमारा मानना है, कि निकट भविष्य में भी FPI का रुख उतार-चढ़ाव वाला रहेगा।

हिमांशु श्रीवास्तव के अनुसार

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक प्रबंधक शोध (Associate Director Manager, Morningstar India) हिमांशु श्रीवास्तव (Himanshu Srivastav) के अनुसार कुछ समय के बाद ब्याज दरों में और अधिक वृद्धि हो सकती है। और विजय सिंघानिया (Vijay Singhania) का मानना है कि आगामी सप्ताहों में भी एफपीआई (FPI) की निकासी जारी रहेगी।

भारत को लेकर सहमी है SPI

रूस यूक्रेन को लेकर अनिश्चितता की स्थिति, कच्चे तेल की ऊंची कीमतें, आरबीआई (RBI) का सख्त मौद्रिक रुख, अनुमान से अधिक महंगाई, ब्याज में वृद्धि से अधिक आर्थिक सुस्ती की आशंका के कारण भारत को लेकर एसपीआई (SPI) सहमी।

क्या कहते हैं आकड़े

डिपाॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एसपीआई 13 मई के दौरान शेयरों में करीब 25 ,216 करोड़ रुपए की निकासी की है। और पिछले 4 मई को रिजर्व बैंक बिना तय कार्यक्रम के रेपो रेट0. 4% बढ़ाकर 4.4 प्रतिशत कर दिया।

क्या कहना है थोक मुद्रास्फीति के आकड़ो का

अप्रैल के थोक मुद्रास्फीति के आंकड़े (Inflation figures), कंपनियों के तिमाही नतीजे और वैश्विक रुझान इस सप्ताह से हर बाजार की दिशा तय करेंगे। मंगलवार को थोक मुद्रास्फीति का आंकड़ा आएगा। बाजार भागीदारों की निगाह विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख पर भी बनी रहेगी, जो पिछले कुछ समय से घरेलू बाजारों में बिकवाल बने हुए हैं।

इनके तिमाही नतीजे आने हैं

श्रीकांत चौहान के अनुसार ब्रांड पर बढ़ता मुद्रास्फीति का ऊंचा स्तर, प्रतिफल, वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक रुख को सख्त किए जाने का निकट भविष्य में बाजार की धारणा पर असर पड़ेगा। इसके साथ ही तिमाही नतीजों के कारण कुछ शेयर में गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। इस सप्ताह भारतीय एयरटेल, इंडिया ऑयल, कॉरपोरेशन, जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज, आईडीएफसी और एनटीपीसी के तिमाही नतीजे आने हैं।

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