Reliance Jio Reliance Infratel Deal: अनिल अंबानी की कंपनी खरीद रहे मुकेश अंबानी

Mukesh Ambani buying Anil Ambani's company: NCTL ने Reliance Infratel के अधिग्रहण मंजूरी दे दी है

Update: 2022-11-22 07:38 GMT

Reliance Infratel Reliance Jio Deal: मुकेश अंबानी कर्ज में डूबे अपने छोटे भाई की मदद करने के लिए आगे आए हैं. रिलायंस जियो को रिलायंस इंफ्राटेल का अधिग्रहण करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से अनुमति भी मिल गई है. Mukesh Ambani अब अपने छोटे भाई Anil Ambani की Reliance Infratel को Jio में विलय कर देंगे। 

Reliance Infratel का Reliance Jio में विलय करने के लिए NCTL ने मंजूरी देते हुए. जियों को SBI के एस्क्रो अकाउंट में 3720 करोड़ रुपए जमा करने के लिए कहा है. बता दें कि नवंबर 2019 में रिलायंस Jio  ने अपनी सहायक कंपनी रिलायंस प्रोजेक्ट्स ऐंड प्रॉपर्टीज मैनेजमेंट सर्विसेज (RPPMS) के माध्यम से  RITL के टावर और फाइबर संपत्तियां खरीदने के लिए बोली लगाई थी। RITL मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी RCom की होल्डिंग कंपनी है। RITL के पास करीब 1.78 लाख रुट किलोमीटर की फाइबर संपत्ति और 43540 मोबाइल टावर हैं। 

3720 करोड़ रुपये जमा करेगी Jio

रिलायंस जियो ने SBI एस्क्रो अकाउंट में 3720 करोड़ रुपये जमा करने का प्रस्ताव दिया था। और NCLT से RITL की अधिग्रहण प्रकिया को पूरा करने की मंजूरी मांगी थी। Jio  ने कहा था कि RITL  दिवाला समाधान प्रक्रिया को झेल रही है। मुकेश अंबनी की अगुवाई वाली Jio  ने अनिल अंबानी के प्रबंधन वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications) की कर्ज में डूबी सहायक कंपनी की फाइबर संपत्तियां और टावर हासिल करने के लिए 3720 करोड़ की बोली भी लगाई थी। 

इसके साथ ही Jio  ने ट्रिब्यूनल से मॉनिटरिंग कमेटी और जवाबदेह लोगों से अधिग्रहण योजना को लागू करने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश देने को भी कहा था। बता दें कि Jio  द्वारा एस्क्रो अकाउंट में जमा किए जाने वाले पैसे को अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी होने के बाद कर्ज देने वालों में बांट दिया जाएगा। 

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