RBI ने बदले नियम! FD मैच्योर होने के बाद नहीं किया क्लेम तो उठाना पड़ेगा नुकसान, जानिए नया नियम
RBI changed FD rules: RBI ने एफडी मैच्योरिटी (FD Maturity) के नियमों में बदलाव किया है और नए नियम प्रभावी हो चुके हैं।
अधिकतर लोग अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) करते हैं। अगर आप भी फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) में निवेश करते हैं तो आपके लिए एक खास खबर है, RBI ने एफडी मैच्योरिटी (FD Maturity) के नियमों में बदलाव किया है और नए नियम प्रभावी हो चुके हैं। बीते कुछ दिनों में गैर सरकारी एवं कई सरकारी बैंकों ने एफडी की ब्याज दरों (FD interest rates) में बढ़ोतरी की है। इसीलिए अगर आप एफडी कराने की सोच रहे हैं तो नए नियमों के बारे में जानें, वरना आपको भारी नुकसान हो सकता है।
एफडी पर पुराने नियम
यदि आपकी एफडी मैच्योर हो जाती है और अगर आप इसका पैसा नहीं निकलवाना चाहते हैं तो बैंक आपकी एफडी को उसी अवधि के लिए आगे बढ़ा देता था जिसके लिए आपने पहले एफडी की थी। लेकिन नए नियमों के अनुसार, अब मैच्योरिटी पर पैसा नहीं निकालने पर उस पर एफडी का ब्याज नहीं मिलेगा। इसलिए मैच्योरिटी के बाद तुरंत अपना पैसा निकाल ले वरना आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
आरबीआई के अनुसार
आरबीआई के अनुसार, यदि फिक्स्ड डिपॉजिट मैच्योर होती है और राशि का भुगतान नहीं हो पाता है या इस पर दावा नहीं किया जाता है तो उस पर ब्याज दर सेविंग अकाउंट के हिसाब से या मैच्योर एफडी पर निर्धारित ब्याज दर, जो भी कम हो वह दी जाएगी।
नियम को ऐसे समझें
समझने के लिए मान लीजिए, आपने 5 साल की मैच्योरिटी वाला एफडी करवाया है, और वह मैच्योरिटी एफडी आज मैच्योर हुआ है, लेकिन आप यह पैसा नहीं निकाल रहे हैं तो इस पर दो स्थितियां लागू होंगी। अगर एफडी पर मिल रहा ब्याज सेविंग अकाउंट पर मिल रहे ब्याज से अधिक है, तो आपको सेविंग अकाउंट पर मिल रहा ब्याज मैच्योरिटी के बाद मिलेगा। और दूसरा, अगर एफडी पर मिल रहा ब्याज उस बैंक के सेविंग अकाउंट पर मिल रहे ब्याज से कम है, तो आपको एफडी वाला ब्याज ही मिलता रहेगा। नए नियम सभी कमर्शियल बैंकों, सहकारी बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों में जमा पर लागू होंगें।
एफडी की मैच्योरिटी पर RBI के नए नियम
आरबीआई में फिक्स्ड डिपॉजिट के नियमों में बदलाव किया है नए नियमों के अनुसार, यदि आप अपनी एफडी मैच्योरिटी पूरी होने के बाद अगर आप अपनी राशि को क्लेम नहीं करते हैं तो आपको इस पर कम ब्याज मिलेगा। और मिलने वाला ब्याज सेविंग अकाउंट के बराबर होगा। अभी आमतौर पर बैंक्स 5 से 10 साल की लंबी अवधि वाली एफडी पर 5% से अधिक ब्याज देते हैं। जबकि सेविंग अकाउंट पर ब्याज दरें तीन परसेंट से चार परसेंट रहती है।