सरकार की लूटनीति: क्रूड ऑयल 7.3 डॉलर सस्ता हो गया फिर भी पेट्रोल-डीज़ल के रेट कम क्यों नहीं हो रहे
Petrol Price Today: तेल कंपनियों की मनमानी के आगे मोदी सरकार कोई एक्शन नहीं ले रही है, यहां आदमी आदमी का बजट बिगड़ा जा रहा है
Petrol Price Today: अंतराष्टीय मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत 7.3 डॉलर प्रति बैरल की दर से सस्ती हो गई है, फिर भी देश में पट्रोल-डीज़ल के रेट कम नहीं हो रहे हैं. सरकार के लिए पेट्रोल और डीज़ल को पैसे कमाने का जरिया बन गया है वहीं तेल कंपनियों के मनमानी रवैये के आगे भी मोदी सरकार चुप्पी साधे हुए हैं. महंगे ईंधन के कारण आम आदमी का बजट बिगड़ने लगा है। उत्पाद महंगे हो रहे हैं लेकिन लोगों की परेशानी सरकार को समझ में नहीं आ रही है. सरकार सिर्फ लूटनीति में विश्वास रख रही है
जिस हिसाब से क्रूड ऑयल की कीमत कम हुई है उस लिहाज से ईंधन के दाम भी घटाए जाएं तो पेट्रोल और डीज़ल दोनों के रेट 8 रुपए तक कम हो सकते हैं। लेकिन ऑयल कंपनियां ऐसा कर ही नहीं रही है। जबकि केंद्र सरकार ने क्रूड ऑयल के बेसिस में ईंधन के दाम तय करने की बात कही थी. जब क्रूड ऑयल के दाम बढ़ते हैं तो तेल कंपनियां पेट्रोल-डीज़ल के दाम बढ़ा देती हैं लेकिन जब क्रूड ऑयल के दाम गिरते हैं तो ईंधन के रेट को कम नहीं किया जाता। यह सीधे तौर पर जनता को लूटने का काम किया जा रहा है।
मुनाफाखोरी के चक्कर में जनता को लूटा जा रहा है
सरकारी तेल कंपनियों की मुनाफाखोरीके छककर में देश का आम आदमी लूट रहा है। दिसंबर2021 में कच्चे तेल (क्रूड) के दाम घटे थे अगर उसी हिसाब से तेल कंपनियां दाम कम करतीं तो पेट्रोल 8 रुपए और डीजल 7 रुपए/लीटर सस्ता हो जाता।। याद होगा कि दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 5 रुपए/ लीटर, जबकि डीजल पर 10 रुपए/लीटर घटा दी थी। ज्यादातर राज्यों ने भी वैट घटाया। इससे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में थोड़ी कमी आई। लेकिन क्रूड ऑयल सस्ता हुआ तो पेट्रोल डीज़ल को भी और ज़्यादा सस्ता करना चाहिए था।
राहत देने की बारी आई तो लूट मचा दिए
नवंबर में क्रूड ऑयल की कीमत (Crude Oil Price) 80.64 डॉलर प्रति बैरल थी. जबकि दिसंबर में इसकी कीमत 73.30 डॉलर हो गई. देश में ईंधन के दाम क्रूड ऑयल के हिसाब से रोज़ना तय किए जाते हैं. जब क्रूड ऑयल के दाम बढे थे तब पेट्रोल-डीज़ल को महंगा कर दिया गया था लेकिन जब राहत देने की बारी आई तो सब ने मिलकर लूटना चालू कर दिया।
जब कच्चा तेल सस्ता हुआ है तो डीज़ल-पेट्रोल भी सस्ता करो
आपको बता दें कि सरकार और तेल कंपनियां सिर्फ लोगों को लूटने का काम कर रही हैं. अगस्त में क्रूड ऑयल 3.74 डॉलर सस्ता हुआ था फिर भी कंपनियों ने पेट्रोल में 65 रुपए रेट कम किया था। लेकिन जब सितंबर में कच्चा तेल 3.33 डॉलर महंगा हुआ तो पेट्रोल-डीज़ल 3.85 रुपए महंगा कर दिया। नवंबर में भी क्रूड ऑयल सस्ता हुआ लेकिन पेट्रोल के दाम 120 रुपए तक पंहुचा दिए गए. बाद में सरकार ने एहसान करते हुए 9 रुपए रेट कम कर दिए और वाहवाही लूट ली. जब दिसंबर में क्रूड के रेट कम हुए तो पेट्रोल-डीज़ल के दाम को नहीं घटाया गया।
कंपनियां 20% ज़्यादा मुनाफा कमा रहीं
देश की सरकारी तेल कंपनियां जैसे IOCL, BPCL और HPCL के सितंबर तिमाही के नतीजों को देखें तो इनका कर पूर्व मुनाफा प्री-कोविड लेवल से 20 गुना तक बढ़ गया है। IOCL का मुनाफा सितंबर-2019 में 395 करोड़ था, जो सितंबर 2021 में 8370 करोड़ रुपए हो गया।