सस्ता हुआ तेल: डिमांड कम हुई और सप्लाई बढ़ गई, जिससे खाद्य तेल के रेट कम हो गए
Oil became cheaper: रूस और इंडोनिशया के बीच निर्यात शुरू होने से इंटरनेशनल मार्केट में तेल के दाम 13% तक कम हो गए हैं
Oil became cheaper: देश सहित पूरी दुनिया में जहां महंगाई की आग लगी हुई है वहीं तेल की कीमतों के गिरने से लोगों को थोड़ी राहत मिली है, इंटरनेशनल मार्केट में तेल की कीमत 13% नीचे गिर गई है. अचानक से तेल की कीमतों में आई गिरावट की वजह रूस और इंडोनेशिया के बीच ट्रेड बहाल होना बताया जा रहा है.
भारत में खाद्य तेल की कीमतों में रिटेल प्राइज़ 9% तक सस्ता हो गया है. मतलब जो तेल का पैकेट 100 रुपए में मिलता था वो अब 92 रुपए में मिलेगा, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में तेल की कीमत और भी कम होगी, क्योंकि इंटरनेशनल मार्केट एडिबल ऑयल की सप्लाई बढ़ जाएगी
भारत में सस्ता हुआ तेल
बीते दिनों ने इंटरनेशनल मार्केट में सन फ्लॉवर, सरसों, पाम, कोकोनट तेल के दान 13.5% तक कम हुए हैं, हालांकि सोया तेल में थोड़ी बढ़त देखने को मिली थी. इसके कारण डोमेस्टिक मार्केट में सन फ्लावर ऑयल को छोड़कर अन्य प्रकार के तेलों की कीमत काफी कम हो गई, सॉवेल्ट एक्सट्रैक्टर्स असोसिएशन के प्रेसिडेंट अतुल चतुर्वेदी ने बताया है कि तेल की कीमत कम होने की प्रमुख वजह इंडोनेशिया से सप्लाई वापस बहाल होना है।
गर्मी में कम होती है तेल की कीमत
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर का कहना है कि इस साल देश में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी, जब ज़्यादा गर्मी पड़ती है तो तेल की खपत और डिमांड कम ही हो जाती है. शादियों का सीजन भी खत्म हो गया है। तेल की सप्लाई बढ़ी है और डिमांड कम हुई है ऐसे में कीमतों का नीचे जाना स्वाभाविक है.
आगे जारी रहेगा कीमत कम होने का सिलसिला
एक्सपर्ट्स का कहना है कि तेल की कीमतों में गिरावट का सिलसिला आगे जारी रहेगा, क्योंकि अभी भी मार्केट में डिमांड के हिसाब से सप्लाई बहुत ज़्यादा है. जब मार्केट में कोई उत्पाद जरूरत से ज़्यादा हो तो उसकी कीमत कम ही होती है.