नाबार्ड डेयरी उद्यमिता विकास योजना: शुरू करें डेयरी बिज़नेस, सरकार देती है 33 प्रतिशत सब्सिडी
डेयरी बिज़नेस शुरू करने के लिए सरकार डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत 33 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करवाती है।
NABARD Dairy Entrepreneurship Development Scheme: कृषि के साथ पशुपालन का कार्य किसानों के लिए फायदे का धंधा साबित हो रहा है। किसान आसानी से घर बैठे लाखों रुपए महीने की आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। किसानों को खेती के साथ पशुपालन करना चाहिए। किसानों की मदद के लिए केंद्र सरकार डेयरी उद्यमिता विकास योजना (Dairy Entrepreneur Development Scheme) संचालित कर रही है। इस स्कीम के माध्यम से सरकार 10 भैंस की डेयरी के लिए 7 लाख रुपए का कर (Loan) दिलवाती है। वही सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है।
सरकार का उद्देश्य
किसानों को किसानी के साथ दुग्ध उत्पादन में शामिल करने के लिए सरकार ने डेयरी इंटर डेवलपमेंट स्कीम शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य है कि किसान दुग्ध उत्पादन कर अच्छा लाभ अर्जित करें। इस योजना को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अपने पूर्व के नियमों में कई तरह के बदलाव किए हैं।
कितनी मिलती है सब्सिडी, क्या है नियम
इस योजना को इतना अपडेट किया गया है कि फाइल मंजूर होने के 2 दिन बाद सब्सिडी दी जाती है। जानकारी के अनुसार सामान्य वर्ग के लिए 25 प्रतिशत तथा महिला और एससी वर्ग के लिए 33 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। यह राशि पशुपालन विभाग द्वारा सीधे डेयरी संचालक के खाते में भेज दिया जाता है।
जानकारी के अनुसार डीईडीएस योजना के तहत लोन देने के लिए वाणिज्यिक बैंक, राज्य सहकारी बैंक, क्षेत्रीय बैंक, राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक तथा नाबार्ड से सभी संस्थान ऋण उपलब्ध करवाते हैं। बताया गया है कि अगर लोन 1 लाख रुपए से अधिक है तो किसान को जमानत के तौर पर अपने कुछ जमीनी कागजात बैंक के पास गिरवी रखने होते हैं। कुल लागत का 10 प्रतिशत उनको अपने पास से लगाने पड़ते हैं।
लोन प्राप्त करने के लिए किसान को ऊपर बताए गए बैंकों में आवेदन करने के बाद जैसे ही आवेदन स्वीकृत हो जाता है लोन प्राप्त हो जाएगा। साथ ही कुछ ही दिनों के अंतराल में द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी फिर बैंक खाते में आ जाती है। लेकिन बैंक सब्सिडी बैंक में जमानत के तौर पर सुरक्षित रखी रहेगी।