BSNL और MTNL की संपत्ति बेच रही मोदी सरकार, जुटाए जाएंगे 970 करोड़ रुपए
केंद्र सरकार सरकारी टेलिकॉम कंपनियों की संपत्ति बेचने वाली है। MTNL के 20 फ्लैट को भी बेच कर सरकार पैसे जुटाना चाहती है
केंद्र सरकार सरकारी टेलिकॉम कंपनियां बीएसएनएल और MTNL की सम्पति बेचने वाली है। दोनों संथाओं की समपत्ति को बेच कर सरकार 970 करोड़ रुपए जुटाने वाली है। डिपार्टमेंट ऑफ़ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मेनेजमेंट (DIPAM) की वेबसाइट पर ये जानकारी देखने को मिल सकती है।
बीएसएनएल की प्रॉपर्टी हैदराबाद, चंडीगढ़, भावनगर और कोलकाता में है और बिक्री के लिए इन सम्पत्तियों का रिज़र्व प्राइज़ 660 करोड़ रुपए है। DIAPAM के अनुसार मुंबई के गोरेगांव के वसारी हिल में मौजूद MTLN की संपत्ति 310 करोड़ रुपए रिज़र्व की गई है। इसी तरह सरकार एमटीएनएल के 20 फ्लैटों को भी बेचने का प्लान है जिनकी कीमत 52 लाख से डेढ़ करोड़ रुपए है।
14 दिसंबर से होगी नीलामी
बीएसएनएल के चेयरमैन और एमडी पीके पुरवार के अनुसार यह दोनों कंपनियों के असेट मॉनेटाइज़शन का पहला चरण है। बीएसएनएल की 660 करोड़ और एमटीएनएल की लगभग 310 करोड़ की संपत्ति की बिक्री करने की बोलियां आमंत्रित की गई हैं। पीके पुरवार का कहना है कि असेट्स मॉनीटाइज़शन के लिए बाजार की डिमांड के रहेगें। MTNL की संपत्ति की नीलामी 14 दिसंबर से होगी।
दोनों कंपनियां घाटे में
बीएसएनएल को साल 2018-19 में 14,२०२ करोड़ रुपए का घाटा हुआ था जबकि 2017-18 में 7993 करोड़ और 2016-17 में 4793 करोड़ और उससे पहले भी 4859 करोड़ रुपए का लॉस हुआ था। बीएसएनएल पिछले 11 साल से नुकसान में चल रही है। इतने समय से ही एमटीएनएल भी घाटे में हैं।
6 लाख करोड़ जुटाने की योजना
सरकार इस घाटे को रिकवर करने के लिए असेट्स मॉनीटाइज़शन स्कीम के तहत अगले 4 साल साल में 6 लाख करोड़ रुपए जुटाने के प्रयास में है। जिन सम्पत्तियों की पहचान की गई है उनमे सड़क, पावर ट्रांसमिशन, गैस पाइपलाइन, वेयरहाउस, रेलवे, दूरसंचार, 25 एयरपोर्ट, नौ बंदरगाह, कोयला और खनिज, स्टेडियम और कॉलोनियां का रेडेवलपमेंट शामिल है