जानिए क्या है एलआईसी का टोटल ऐसेट अंडर मैनेजमेंट, कैसे LIC बदलेगा खुद को

स्टॉक मार्केट (Stock Market) में लिस्ट होने के बाद अब LIC कंपनी को नए तरह के नियमों का पालन करना होगा।

Update: 2022-05-21 12:09 GMT

LIC Total Asset Under Management And How LIC will change itselfएलआईसी छह दशक तक एक सरकारी कंपनी रही है। लेकिन अब यह अपनी स्ट्रेटेजी में बदलाव करेगी। स्टॉक मार्केट (Stock Market) में लिस्ट होने के बाद अब इसे नए तरह के नियमों का पालन करना होगा। इसमें कॉर्पोरेट गवर्नेंस सहित कई दूसरी चीजें भी शामिल है। लिस्टिंग के बाद से इस पर स्टॉक एक्सचेंजों (Stock Exchanges) से लेकर इनवेस्टर्स की कड़ी नजरें हैं। एलआईसी सरकार के डूब रहे बैंक को बचाने के लिए भी आगे आई है। और कई बार सरकार के विनिवेश प्रोग्राम को पूरा करने में बड़ी सहायता की है। अब इसमें अधिक रिस्क नहीं लेने और कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर ज्यादा ध्यान देने की योजना बनाई है।

बदलाव के लिए बोर्ड की मंजूरी होगी जरूरी

एलआईसी (LIC) में नया बोर्ड बना है। कंपनी की स्ट्रेटेजी में किसी तरह के बदलाव के लिए बोर्ड की मंजूरी आवश्यक होगी। इसके बारे में एलआईसी को भेजे ईमेल का कोई अभी तक जवाब नहीं मिला है।

टोटल असेट अंडर मैनेजमेंट

देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी (country's largest insurance company LIC) है इसके साथ ही यह है सबसे बड़ी संस्थागत निवेशक भी है। इसने शेरों में दस लाख करोड़ रुपए से अधिक निवेश किया है। इसका टोटल एसेट अंडर मैनेजमेंट करीब 41 लाख करोड़ रुपए है। एलआईसी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में सीमेंट, पावर, जेनरेशन, और डिस्ट्रिब्यूशन मैं अपना इन्वेस्टमेंट घटाने के बारे में सोच रही है।

4 मई को लॉन्च किया आईपीओ

4 मई को एलआईसी ने अपना आईपीओ (LIC IPO) लॉन्च किया था। यह इश्यू 9 मई को बंद हुआ था। यह इश्यू करीब 3 गुना सब्सक्राइब हुआ। इस इश्यू में सबसे ज्यादा दिलचस्पी पॉलीसीहोल्डर्स ने दिखाई। इस इश्यू में पॉलिसीहोल्डर्स को डिस्काउंट दिया गया जिस वजह से पॉलिहोल्डर्स ने सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। पॉलिसीहोल्डर्स को प्रति शेयर ₹60 का डिस्काउंट गया था लेकिन कंपनी शेयर 17 मई को कमजोरी के साथ लिस्ट हुआ तब से शेयरों में लगातार गिरावट जारी है।

लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के निवेश के लिए बनाए नियम

इंश्योरेंस रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के निवेश के लिए नियम बनाए हैं। इसके तहत एक लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (Life Insurance Company) को अपनी निवेश योग्य कुल सरप्लस का न्यूनतम 50 फ़ीसदी गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में निवेश करना होगा। 15 फ़ीसदी इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े एसेट्स में करना होगा। और बाकी 35 फ़ीसदी फंड का इन्वेस्टमेंट शेयर, लोन कन्वर्टिबल,डिर्बेचर,म्युचुअल फंड,सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट्स मैं करना होगा।

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