Indian Rupee Depreciation: रुपए में होती भारी गिरावट के कारण से एक बार फिर से बढ़ सकती है बेरोजगारी
कारोबारियों के साथ साथ रोजगार (Employment) में भी दिक्कतें आना शुरू हो गई है।
Indian rupee depreciation against dollar Inflation And Unemployment in India: रुपए में डॉलर की अपेक्षा काफी गिरावट देखी जा रही है, जिससे कारोबारियों के साथ साथ रोजगार (Employment) में भी दिक्कतें आना शुरू हो गई है। गुरुवार को विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी के बीच रुपया 10 पैसे की गिरावट के साथ 77.72% डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया है। रुपए की कमजोरी से पड़ने वाले असर को देखते हुए रतन आभूषण क्षेत्र के साथ स्टार्टअप ने छटनी की शुरुआत की है। आशंका यह जताई जा रही है कि आने वाले कुछ समय में इसका असर कपड़ा और अन्य क्षेत्रों में भी पड़ेगा। डॉलर के मुकाबले रुपया अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रूपया 77.72 पर पहुंचा। कारोबार के अंत में रुपए 77.72 पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 10 पैसे की गिरावट को दिखाता है। दिन में कारोबार के दौरान रुपया 77.76 के निचले स्तर तक गया। और बुधवार को 18 पैसे की गिरावट के साथ 77.62 प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुआ। ऐसी स्थिति में हालत खराब हो सकती है।
2.5 लाख कारीगरों को दी गई छुट्टी
सूरत में हीरा तराशने वाली कई कंपनियों ने 2.5 लाख कारीगरों को छुट्टी पर भेज दिया है। कंपनी के अनुसार रूस की कंपनी अलरोसा से कच्चा हीरा आयात करते हैं और फिर इसे तराश कर निर्यात करते हैं। और अमेरिका ने अलरोसा पर प्रतिबंध लगा दिया। जबकि दुनियाभर के हीरा आयात में उसकी 30 फ़ीसदी हिस्सेदारी है। ऐसे में कंपनियों का कहना है कि उसके पास फिलहाल काम बंद करने के अलावा अन्य कोई अन्य विकल्प नहीं है।
बेरोजगार होने का सता रहा डर
15 लाख लोगों को सूरत के हीरा कारोबार (Diamond business of Surat) में रोजगार मिला हुआ है जो इस क्षेत्र में कुल रोजगार का करीब एक तिहाई है। कर्मचारी संगठनों के अनुसार छुट्टी एक बहाना है क्योंकि इस दौरान कोई भी भुगतान नहीं होगा। साथ ही आने वाले समय में नौकरी से निकालने का फरमान भी जारी किया जा सकता है। रतन आभूषण एवं निर्यात संवर्ध्दन परिषद के अनुसार हीरा तलाशने का काम 100 फ़ीसदी आयात पर निर्भर है। ऐसे में इसमें किसी भी तरह की रुकावट रोजगार का संकट (Employment crisis) खड़ा हो सकता है।
विशेषज्ञ के अनुसार
दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों के ब्याज बढ़ाने के बाद आरबीआई (RBI) को भी दरें बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। विशेषज्ञों के अनुसार आरबीआई ऐसा नहीं करता तो विदेशी निवेशकों द्वारा डॉलर की निकासी और तेज हो जाता जिससे रुपया और कमजोर हो जाता है इससे एमएसएमई, रियल एस्टेट सेक्टर (Real estate Sector) पर रोजगार सृजन पर लगाम लगाने का दबाब बढ़ गया है।
5000 लोगों की छंटनी किए जाने की जताई जा रही है आशंका
पिछले कुछ वर्षों में रोजगार देने वाले स्टार्टअप भी अब छंटने लगे हैं। वेदंतु अब तक 600 से ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाल चुका है। वही कोर्स 600 लोगों की छंटनी का फैसला लिया है। एक आकलन के अनुसार क्षेत्र में 5000 लोगों की छंटनी होने की आशंका जताई जा रही है।