इस तरह की जमीन में बना है आपका घर या फ्लैट तो पढ़ ले ये खबर
घर बनाना जीवन का सबसे बड़ा काम माना जाता है।
घर बनाना जीवन का सबसे बड़ा काम माना जाता है। यदि मकान बनवाने में जरा सी भी लापरवाही की जाए तो घर में रहने वाले लोगों को इसका बहुत बुरा परिणाम भुगतना पड़ता है। एक तरह से यह भी कहा जा सकता है कि व्यक्ति सुख से रहने के लिए घर बनाता है। लेकिन अगर नियम-कायदों का पालन नहीं किया गया तो यह हमारे लिए तकलीफदेह साबित हो सकता है। इसलिए घर बनाते समय वास्तु नियमों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
आवश्यक भौगोलिक जानकारी
अगर आप कहीं जमीन या फ्लैट खरीदने जा रहे हैं। इसलिए वहां की भौगोलिक स्थिति की जानकारी जरूर लें। पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही घर खरीदें। कई बार बिल्डर सस्ती जमीन खरीदकर प्लॉटिंग कर लेते हैं या फिर बहुमंजिला इमारतें तैयार कर लेते हैं। जो कभी कब्रिस्तान या श्मशान घाट रहा हो। इसलिए इसके बारे में जानना जरूरी हो जाता है। ऐसी भूमि में घर बनाना जीवन भर समस्याएँ पैदा करता है।
रसोईघर
अगर हम जमीन खरीद रहे हैं या रेडीमेड फ्लैट ले रहे हैं तो हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारा किचन आग्नेय कोण में बना हो। अग्नि कोण में बनी रसोई को बहुत ही शुभ और फलदायी बताया गया है। इससे सुख-समृद्धि में विकास होता है।
बाथरूम और शौचालय
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि बाथरूम और शौचालय दक्षिण-पश्चिम उत्तर-पूर्व में नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा है तो घर में रहने वाले लोगों के बीच आपसी तालमेल खराब रहता है। एक ही तरह से अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
शयनकक्ष
वास्तु शास्त्र के अनुसार शयन कक्ष पूर्व-दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए। कहा जाता है कि अगर शयनकक्ष पूर्व-दक्षिण दिशा में हो तो घर में रहने वाले लोगों के बीच आपसी तनाव बढ़ता है।
पूजा का घर
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि अगर हम अपने पूजा घर को पूर्व और उत्तर कोने में रखते हैं तो इसका हमारे जीवन पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। घर में तरक्की और समृद्धि आती है।
नोट: उक्त समाचार में दी गई जानकारी केवल सूचना है। रीवा रियासत न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है। दी गई जानकारी प्रचलित मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। ऐसे में कोई भी काम शुरू करने से पहले आपको किसी विशेषज्ञ से जानकारी जरूर लेनी चाहिए।