कैसे पता करें बैंक डूबेगा या नहीं? जान लीजिये काम आएगा, फिर मत कहना हमने बताया नहीं
How to know if the bank will not sink: बैंक में पैसा जमा रहता है लेकिन उसके सुरक्षित होने की कोई गारंटी नहीं होती है, बैंक डूबा तो आपकी जमा पूंजी भी डूब जाएगी
How to know if the bank will not sink: अगर आपको लगता है कि बैंक में पैसा जमा करना सेफ है तो आप बहुत भोले हैं। बैंक अगर डूबता है तो आपके पैसे के साथ क्या होगा इसके लिए हम पहले से एक आर्टिकल दे चुके हैं यहां क्लिक कर के पढ़ लीजियेगा। आज का अपना टॉपिक है की अपन को कैसे पता चलेगा कि जिस बैंक में अपना खाता है वो डूब सकता है या नहीं। तो बिना बकैती किए सीधा पॉइंट में आते हैं ओके.
'आज के ज़माने में कोई भरोसा नहीं है कब कौन बैंक को लूट के विदेश भाग जाए और बैंक दिवालिया हो जाए और आपका दिवाला निकल जाए, इसी लिए अब ये पता करना बहुत ज़रूरी हो जाता है कि जिस बैंक में आपने अपनी जीवन भर की जमा पूंजी जुटाई है उसकी लुटाई तो नहीं हो जाएगी'
1. Non Performing Assets
जब आप बैंक में पैसे जमा करते हैं तो उसको अकाउंट की भाषा में असेट कहा जाता है यानी के संपत्ति, लेकिन बैंक के लिए आपका पैसा लाइबिलिटी होता है मतलब की दाइत्व। अगर बैंक का Non Performing Assets (NPA) 3% से ज़्यादा है तो समझ लीजिये कि भाई यहां पैसा जमा करना मतलब रिस्क लेना है। ग्लोबल स्टैंडर्स और RBI के मानकों के अनुसार अगर किसी बैंक का NPA 3% से ज़्यादा होता है तो रिस्क वाला मामला हो जाता है।
किस बैंक का कितना NPA है
जिस RBL बैंक पर सवाल उठ रहे हैं और उसके ग्राहक के पैसे अटके हैं उसका एनपीए 2.14% है, वहीं देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC का NPA 0.4% है, जो बीते 10 साल में 0.5% के ऊपर गया ही नहीं। इसके NPA इंडसइंड बैंक का 0.84% है, इसके बाद ICICI Bank (1.1%), Federal Bank (1.2%) और Kotak Mahindra Bank (1.5%) का नंबर आता है. कम एनपीए के लिहाज से इन टॉप-5 बैंकों में कोई सरकारी बैंक नहीं है. देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक SBI का नेट एनपीए 1.52% है. लेकिन PNB का ग्रॉस एनपीए 14 पर्सेंट और नेट एनपीए 5.7 पर्सेंट है. अगर आपने नीरव मोदी कांड के बारे में सुना है तो आपको बताने की जरूरत नहीं कि पीएनबी की यह हालत क्यों है. खैर यह सरकारी बैंक है. लेकिन अगर PNB डूबेगा तो सरकार भरपाई करेगी, प्राइवेट बैंक के लिए 3% से ज़्यादा NPA खतरे का निशान होता है।
2. Capital Adequacy Ratio 9% से कम है तो दिक्क्त है
बैंक की हालत का पता Capital Adequacy Ratio से भी चलता अगर अगर बैंक का Capital Adequacy Ratio 9% है तो मान लजिए बैंक बैसाखी में चल रहा है। बैंक में जाइये और अधिकारी से पूछ लीजिये आपका कितना Capital Adequacy Ratio है, वो आपको पहले घूर के देखेगा फिर बता देगा। इसके अलावा बैंक के Liquidity Coverage Ratio से भी उसकी माली हालत का पता लग जाता है। मतलब अगर किसी बैंक का Liquidity Coverage Ratio 100% है तो बैंक अपनी लिक्विड असेट को भुनाकर अगले एक महीने तक देनदारी उठा सकता है।
3. Net Interest Margin
बैंक का Net Interest Margin भी उसकी माली हालत बयां करता है, मतलब बैंक की कमाई कितनी है, आप अपने बैंक का Net Interest Margin गूगल में सर्च कर सकते हैं या जाकर किसी बैंक अधिकारी से पूछ सकते हैं, क्योंकि सवाल आपके पैसों का है।