मध्य प्रदेश के किसान बनाएं प्याज भंडारण केंद्र, सरकार दे रही पैसा, ऐसे लें योजना का लाभ

प्याज भंडारण केंद्र बनाने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार पैसा दे रही। किसान इस तरह योजना का लाभ उठा सकते हैं।

Update: 2021-09-27 08:15 GMT

Onion Storage Center: सब्जियों में प्याज एक ऐसी सब्जी है जिसका उपयोग वर्ष भर किया जाता है। लेकिन इसकी पैदावार हर मौसम में संभव नहीं है। ऐसे में प्याज भंडारण की आवश्यकता बढ जाती हैं। लेकिन बिना सरकार के सहयोग से किसान प्याज भंडारण केन्द्र नहीं बनवा पायेंगें। ऐसे में सरकार किसानों की मदत कर रही है। प्याज भंडारण केन्द्र (Storage Center) विकसित होने से प्याज की डिमांड के संतुलित किया जा सकता है और वर्ष भर उपयोग किया जाता है। सरकार प्याज भंडारण केंद्र बनाने के लिए पैसे मुहैया करा रही है। किसान अपने कुछ दस्तावेज के साथ आवेदन कर प्याज भंडारण केंद्र बना सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है किसान को शासकीय योजनाओं की जानकारी हो जो आज हम किसानों को जरूरी बातें बता रहे हैं।

नष्ट हो जाती है प्याज

सामान्य तौर पर प्याज के भंडारण की व्यवस्था किसानों के पास ना होने से वाह उत्पादन के समय ही ज्यादातर फसल बेच देते हैं। ऐसे में बाजर के भाव गिर जाते हैं। किसनों के कई बार अपनी प्याज की फसल सडकों पर फेंकनी पड़ती है। लेकिन भंडारण केन्द्र होने से ऐसा करने से किसान बच जायेंगे।

सरकार दे रही सब्सिडी

प्याज भंडारण केंद्र बनाने के लिए किसानों को सरकार सब्सिडी दे रही है। जानकारी के अनुसार 50 मेट्रिक टन क्षमता वाले भंडारण केंद्र बनाने पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है। बात अगर लागत की करें तो 50 मेट्रिक टन क्षमता वाले भंडार ग्रह बनाने में 3.50 लाख रुपए की लागत आती है। जिसमें सरकार द्वारा 175000 रुपए की सब्सिडी दी जाती है। इस समय यह योजना अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जन जाति के लिए चल रही है।

शुरू है आवेदन की प्रक्रिया

जानकारी के अनुसार इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को तुरंत आवेदन करना चाहिए। 23 सितंबर 2021 से किसानों से आनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। आवेदनों पर विचार लक्ष्य के अनुसार किया जाएगा। वही ज्यादा आवेदन होने पर सरकार लक्ष्य भी बढ़ा सकती है।

ऐसे ही करें आवेदन

आवेदन करने के लिए किसानों को उद्यानिकी विभाग के आन लाइन पोर्टल पर करना होता है। आवेदन के पश्चात विभाग लक्ष्य के अनुरूप निर्णय लेकर आवेदकों को लाभान्वित किया जाता है। वर्तमान समय में इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों को देने के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। जिसमें अनुसूचित जाति के लिए 351 और अनुसूचित जनजाति के लिए 267 किसानों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

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